नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। शुक्रवार को
पूर्व मंत्री एवं अनुसूचित जाति और जनजाति
आयोग उप्र के उपाध्यक्ष मुकेश सिद्धार्थ ने मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति
जारी की, बताया कि भाजपा सरकार द्वारा एक राजनीतिक बयान को मुद्दा बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा
कानून (रासुका) का दुरुपयोग कर सीधा एक साल के लिए असंवैधानिक तरीके से उनको
जेल में डाल दिया गया था।
उनके द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में रासुका के विरुद्ध अपील की
गई थी, जिसमें पहली ही सुनवाई पर 05 अप्रेल 2024 को रासुका पर स्टे लगाकर जेल से
रिहा करने के आदेश दिए गए थे। साथ ही जिलाधिकारी मेरठ में
व्यक्तिगत हलफनामे के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट में उपस्थित होने के भी आदेश दिए थे। तत्पश्चात
12 नवंबर 24 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच जिसमें न्यायाधीश अरविंद सिंह सांगवान एवं
न्यायाधीश मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीशी द्वारा उन पर रासुका की कार्रवाई को पूर्णरूप से
रद्द कर दिया गया है।

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