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Tuesday, October 1, 2024

प्रतियोगिता एक मैराथन दौड़, जिसे जीतने के लिए करना होता है कठोर और त्याग: अंकित चौधरी

नित्य संदेश ब्यूरो 
गाजियाबाद। विद्या प्रकाशन मन्दिर (प्रा०) लि० की ओर से आयोजित की गयी विद्या संवाद यात्रा-24 सहारनपुर, बिजनौर, प्रयागराज, मेरठ के माध्यमिक विद्यालयों में अपना शैक्षिक संवाद कार्यक्रम सम्पन्न करने के उपरान्त आज गाजियाबाद के विभिन्न विद्यालयों में पहुंची। 

गाजियाबाद के ओएफ ब्यॉज इण्टर कॉलेज, ऑडिनेंस फैक्ट्री मुरादनगर, सेठ मुकुन्द लाल इण्टर कॉलेज, एमएमएच इण्टर कॉलेज में विद्या प्रकाशन के सीटीओ डॉ० रोहित खोखर ने बोर्ड-परीक्षा के भावी परीक्षार्थियों को सम्बोधित किया।।डॉ० रोहित खोखर ने कक्षा 10 और 12 के बोर्ड-परीक्षार्थियों को परीक्षा में अधिकतम अंक लाने के प्रभावी सूत्र बताये। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को अपनी गृह समय-सारिणी तैयार कर उसका सख्ती से पालन करना चाहिए। सारिणी में सभी विषयों को स्थान देना चाहिए। लेख सुन्दर बनाने का अभ्यास करते हुए आवश्यकतानुसार नामांकित चित्र बनाने का भी अभ्यास करना चाहिए। डॉ० खोखर ने कहा कि चिं०पु०लि० का सूत्र चिन्तन के आधार पर वंâठस्थीकरण, पुनरावृत्ति तथा अधिकाधिक लेखन क्रिया पर बल देता है। उत्तर पुस्तिका में प्रश्नोत्तर का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण होना चाहिए।

वक्ता दीपक मलिक ने अपने वक्तव्य में बच्चों को अपने भविष्य का स्वर्णिम स्वप्न देखने की प्रेरणा देते हुए कहा कि सपना वह बेहतर होता है जिसे जीवन्त यानी जागते हुए देखा जाये न कि सोते हुए। उन्होंने बताया कि सोते हुए सपने प्राय: नींद खुलते ही टूटकर बिखर जाते हैं। छात्र-छात्राएँ विद्यालय में शिक्षार्थ आते हैं और पढ़ाई पूरी कर समाज की सेवार्थ लौट जाते हैं। सपना देखना भर ही पर्याप्त नही है, उसे पूरा करने के लिए संकल्प लेकर कठिन श्रम करना होता है। जीवन में हासिल की गयी उपलब्धियों को समाजसेवा कार्यों में अर्पित करना श्रेयस्कर होता है।

अनुभवी वक्ता अंकित चौधरी ने वर्तमान समकालीन शिक्षा-व्यवस्था के सन्दर्भ में बच्चों को आगाह करते हुए कहा कि आजकल ऊंची प्रतिशतता का भी मूल्य नहीं रह गया है। ऊंची कक्षा में प्रवेश पाने, छात्रवृत्ति लेने, व्यवसाय-विशेष में अपना कदम रखने के लिए कोई सीमा तय नहीं है, यह बढ़ती और ऊंची होती जा रही है। इसलिए एक-एक अंक के लिए लड़ाई होती है। प्रतियोगिता एक मैराथन दौड़ है, जिसे जीतने के लिए कठोर श्रम करते हुए बड़े-से-बड़ा त्याग करना होगा। 

संवाद यात्रा कार्यक्रम में डॉ० वी० के० सिंह, मेघना,अनूप रानी शर्मा आदि को सम्मानित किया गया और मेधावी छात्र-छात्राओं को ट्रॉफी तथा डायरी प्रदान कर प्रशस्ति की गयी।

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