Breaking

Your Ads Here

Wednesday, September 4, 2024

भारत विश्व में सबसे बड़ा कृषि सैक्टर: आनन्दी बेन पटेल

 


सरदार वल्लभ भाई पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका: आनंदी बेन पटेल

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि का 17वां दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक संपन्न



लियाकत मंसूरी

नित्य संदेश, मोदीपुरम सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का 17वां दीक्षांत समारोह महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की अध्यक्षता में भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 20 पदक व स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी में छात्र-छात्राओं को कुल 270 उपाधियां प्रदान की गई।



कार्यक्रम का शुभारंभ सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्र्रतिमा पर माल्यार्पण व पीपल के पौधे में जल अर्पित कर किया गया। राज्यपाल ने स्कूल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों व श्रेष्ठ आंगनबाडी को सम्मानित किया। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को उपहार एवं आंगनबाडी कार्यकत्रियों को बच्चों के लिए आंगनबाडी किट का वितरण किया। कुलपति द्वारा कुलाधिपति, मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ पर राष्ट्रगीत गाया गया। दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक हेतु 254, स्नातकोत्तर 09, पीएचडी में 07 छात्र छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गयी। शैक्षिक उत्कृष्टत्ता के लिए विभिन्न महाविद्यालयों के 15 छात्र-छात्राओं को कुलपति स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर पर अकादमिक और सह पाठयक्रम गतिविधियों में संयुक्त रूप से उत्कृष्ट प्रर्दशन हेतु शिवांगी सक्सैना को कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।



2047 तक भारत को विकसित एवं आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य

समारोह को संबोधित करते हु राज्यपाल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम से जुडा हुआ है। मेरठ ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेरठ की भूमि का अपना धार्मिक एवं सांस्कृतिक इतिहास भी रहा है। आज के कार्यक्रम में 70 प्रतिशत लडकियों ने पदक प्राप्त कि है। हमारा देश विविधताओं से परिपूर्ण है, जहाँ कृषि एवं कृषि से जुड़े व्यवसायों को एक प्लेटफॉर्म पर लाए जाने की आवश्यकता है। भारत के पास विश्व का 2.4 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र है तथा 04 प्रतिशत जल संसधान है। भारत विश्व में सबसे बडा कृषि का सैक्टर है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित एवं आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।



लोगों का विश्वास श्रीअन्न उत्पादों पर बढ़ा

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने को कहा है, जिसमें प्राकृतिक और जैविक खेती सहायक सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री ने श्रीअन्न को ब्रांड के रूप में विकसित कर दिया है। श्रीअन्न स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है तथा किसानों को इसकी खेती से आर्थिक लाभ भी हो रहा है। आज विश्वभर में पोषण की दृष्टि से लोगों का विश्वास श्रीअन्न उत्पादों पर बढा है। कहा कि इस वर्ष कैम्पस प्लेसमेंट अभियान चलाकर 28 कम्पनियों के साक्षात्कार आयोजित किये गये, जिसमें 110 छात्रों ने प्रतिभाग किया और 48 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ।

जीवन में कृषि के ज्ञान को व्यवहारिकता में लाए छात्र

राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वो अपने जीवन में कृषि के ज्ञान को व्यवहारिकता में लाए तथा सरकार के द्वारा दिए जा रहे स्टार्टअप योजनाओं से जुड़कर लाभ उठाए। उन्होंने विश्वविद्यालय से आहवान किया कि नैक के बेहतर ग्रेडिंग हेतु प्रयास किया जाए। विश्वविद्यालय द्वारा 08 पेटेंट दाखिल करने एवं 03 पेटेंट का पंजीकरण होने पर विश्वविद्यालय को बधाई दी। प्रत्येक ब्लॉक में 01 तिलहन गाँव विकसित किए जाने का भी आह्वान किया। महामहिम ने केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का जिक्र करते हुए 2817 करोड़ की डिजिटल कृषि मिशन एवं 3979 करोड़ के फसल विज्ञान परियोजना को कृषकों की आय बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में बताया। साथ ही महामहिम ने ड्रोन सखी परियोजना को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए वरदान के रूप में लेकर अपनी आय को बढ़ाने का उत्तम जरिया बताया। महामहिम ने विश्वविद्यालय द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में और बेहतर कार्य करने का आहवान किया, ताकि ग्रामीण स्तर पर तकनीकी के समावेश के साथ आय में वृद्धि एवं सामाजिक रूप से बेहतरी हो सकें।



उप्र में एग्रो टूरिज्म की सम्भावनाओं को तलाशा जा: सूर्य प्रताप शाही

विशिष्ट अतिथि के रूप में सूर्य प्रताप शाही (मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उप्र) ने अपने व्यक्तव्य की शुरूआत भारत के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन करते हुये प्रारम्भ की तथा दीक्षांत समारोह में उपाधि तथा पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को बधाई प्रेषित की। इस अवसर पर उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्रों से लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्शों का अनुसरण करते हुये अपने ज्ञान का प्रयोग भारतवर्ष के किसानों के उत्थान हेतु करने का आह्वान किया। मंत्री ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उत्थान में कृषि विश्वविद्यालय की भूमिका की सराहना करते हुए भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप कार्य करने का आहवान किया। कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एग्रो टूरिज्म की सम्भावनाओं को तलाशा जाए, ताकि स्थानीय युवाओं को ग्रामीण स्तर पर रोजगार प्राप्त हो सके। मंत्री ने प्रदेश सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के विभिन्न परियोजनाओं हेतु विगत में लगभग 100 करोड़ की सहायता का जिक्र करते हुए विश्वविद्यालय को सुदृढ करने हेतु 1000 व्यक्तियों के लिए बृहद ऑडिटोरियम के निर्माण हेतु धन अवमुक्त करने की घोषणा की। विकसित भारत में छात्रों की भूमिका का जिक्र करते हुए छात्रों को अनुशासित होकर पढ़ाई करने एवं मेहनत से कार्य करने का आह्वान किया।

कृषि भारत की आर्थिक नींव: डा. संजय कुमार

मुख्य अतिथि अध्यक्ष कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल नई दिल्ली डा. संजय कुमार ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 तक 4.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जायेगी, इसमें कृषि का महत्वपूर्ण योगदान होगा। कृषि भारत की आर्थिक नींव है, ये 55 प्रतिशत से अधिक आबादी को रोजगार देती है। आज हमारा देश खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बन गया है। हमारे देश में फूल, दाल, तेल, मसाले जैसी वस्तुएं आयात करनी पडती है हमें उनका उत्पादन बढाने की दिशा में कार्य करना है। उन्होने कहा कि हमें अपनी नवाचार शक्तियो को पहचानना होगा तथा सकारात्मक सोच तथा बडे सपनो के साथ आगे बढना होगा। 

5.81 करोड़ की परियोजनाएँ संचालित की जा रही

कुलपति प्रो. केके सिंह ने दीक्षांत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय की उपलब्धियों तथा भविष्य में चलाये जाने वाले कार्यक्रमों, परियोजनाओं एवं शिक्षा शोध एवं प्रसार के बारे में विस्तार से बताया। कुलपति प्रो. केके सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा का उद्देश्य ऐसे छात्रों एवं छात्राओं को तैयार और प्रशिक्षित करना होता है, जिससे वे सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और दृढ़ता के साथ जीवन संघर्ष का सामना कर सके। कुलपति ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यूपीकैटेट परीक्षा के सफल संचालन का जिक्र किया। विश्वविद्यालय के नवसृजित शुगरकेन तकनीकी महाविद्यालय के सुदृढीकरण हेतु शासन से रू0 2.0 करोड़ प्राप्त हुए। कुलपति ने बताया कि इस वर्ष विश्वविद्यालय के 48 छात्रों का चयन विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में हुआ एवं इसके अतिरिक्त 50 छात्रो ने नैट/जे०आर०एफ० एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की। विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न संस्थाओं से 28 एम०ओ०यू० हस्ताक्षरित किए गए। वर्तमान में शोध निदेशालय के तहत विभिन्न वित्त पोषित संस्थाओं द्वारा 5.81 करोड़ की परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं। कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से 1750 ग्रामीण महिलाओं को लघु उद्यमिता विकास का प्रशिक्षण दिया गया जिसमें से 86 महिलाओं ने अपना लघु उद्यम शुरू किया है।



एमओयू पर हस्ताक्षर किए

पूर्व सैनिक पुर्नवास महानिदेशालय, नई दिल्ली के महानिदेशक मेजर जनरल एसबीके सिंह एवं विश्वविद्यालय के कुलपति डा. केके सिंह ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिसके अन्तर्गत भारतीय सेना के सेवानिवृत्त होने वाले अथवा सेवानिवृत्त कर्मियों को विश्वविद्यालय द्वारा 21 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मेजर जनरल एसबीके सिंह ने अवगत कराया कि इस तरह के एमओयू करने वाला यह देश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय हैं।    

इनको मिले पदक

समारोह में आयूष कुमार बी०एससी० (ऑनर्स) कृषि को कुलपति स्वर्ण पदक, ऑलिम्पिया बाग बी०एससी० (ऑनर्स) कृषि को कुलपति रजत पदक, स्वामी त्यागी बी०एससी (ऑनर्स) कृषि को कुलपति कांस्य पदक, महीप कौर बी०एससी (ऑनर्स) उद्यान को कुलपति स्वर्ण पदक एवं श्रीमती जावित्री देवी मैमोरियल स्वर्ण पदक, प्रद्युम्न निरंजन को बी०एससी (ऑनर्स) उद्यान को कुलपति रजत पदक, अभिषेक कुमार बी०एससी (ऑनर्स) उद्यान को कुलपति कांस्य पदक, लावण्या रैना, बी०टैक० (जैव प्रौद्योगिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक, अंजली दीक्षित बी०टैक० (जैव प्रौद्योगिकी) को कुलपति रजत पदक, शाम्भवी कालिया बी०टैक० (जैव प्रौद्योगिकी) को कुलपति कांस्य पदक, विशु शर्मा, बी०टैक० (कृषि अभियांत्रिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक एवं ठा0 शशि पाल सिंह मैमोरियल स्वर्ण पदक, शिवांगी सक्सैना, बी०टैक० (कृषि अभियांत्रिकी) को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, कुलपति रजत पदक एवं सरिता मैमोरियल स्वर्ण पदक, आयुष श्रीवास्तव बी०टैक० (कृषि अभियांत्रिकी) को कुलपति कांस्य पदक, पूजा गुप्ता बी०टैक० (खाद्य प्रौद्योगिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक एवं प्रो0 समशेर स्वर्ण पदक, अंजली गुप्ता बी०टैक० (खाद्य प्रौद्योगिकी) को कुलपति रजत पदक, आरूषी गुप्ता बी०टैक० (खाद्य प्रौद्योगिकी) को कुलपति कांस्य पदक प्रदान किये गये। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर विधायक सरधना अतुल प्रधान, जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी विपिन ताडा, अपर जिलाधिकारी बृजेश सिंह, जिला सूचना अधिकारी सुमित कुमार, कुलपति चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय संगीता शुक्ला, सहित अन्य संबंधित अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति, आंगनबाडी कार्यकत्री, छात्र-छात्राएं, अभिभावकगण उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here