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Wednesday, September 4, 2024

60 युवा भारतीय वर्ल्डस्किल्स ल्योन, फ्रांस में 70 देशों के खिलाफ भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार

  


नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने वर्ल्डस्किल्स के लिए भारत की अब तक की सबसे बड़ी टीम को प्रतियोगिता हेतु रवाना करने से पहले विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, इस टीम में 60 प्रतिभागी शामिल हैं। कुशल प्रतिभागी फ्रांस के ल्योन में 70 से अधिक देशों से आए प्रतिभागियों के साथ 61 श्रेणियों में मुकाबला करेंगे। इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन 10-15 सितम्बर 2024 के बीच यूरोएक्सपो ल्योन में होगा, जिसमें 1400 से अधिक प्रतियोगी और 1300 से अधिक विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। उम्मीद है कि इस प्रतियोगिता में 2.5 लाख से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे।



जयंत चौधरी (राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय और राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय) ने समारोह के दौरान भारतीय टीम को सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं, जो इस द्विवार्षिक वर्ल्डस्किल्स प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 2022 में आयोजित पिछले संस्करण में हम 11वें स्थान पर रहे। हमारी टीम बेहद प्रतिभाशाली है और हम सबसे बड़े दल को प्रतियोगिता के लिए रवाना कर रहे हैं। इसलिए मुझे उम्मीद है कि इस बार हम टॉ-10 में रहेंगे। पूरे देश की निगाहें हमारे प्रतिभाशाली युवाओं पर टिकी हैं, आप पहले से विजेता हैं और आपकी प्रतिभा निश्चित रूप से दुनिया भर के उद्योगों को आकर्षित करेगी। भारत का प्रतिनिधित्व करना कोई छोटी बात नहीं, आप कई चुनौतियों का सामना करने के बाद यहां तक पहुंचे हैं। यह हमारे प्रतिभागियों के लिए विशेष अवसर है। हमें उम्मीद है कि हमारे प्रतिभागी कौशल भारत मिशन के साथ दूत के रूप में जुड़े रहेंगे और हमारे कार्यों, योजनाओं एवं पहलों का प्रसार करते रहेंगे।

समारोह के दौरान अतुल कुमार तिवारी (सचिव, एमएसडीई) ने कहा, ‘‘यह कौशल समुदाय के लिए गर्व का समय है। हमें अपनी सोच को बदलना होगा, जहां डिग्री को ज़्यादा महत्व दिया जाता है। हमें 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए क्रेडिट आधारित कौशल शिक्षा को महत्व देना होगा। उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से लेकर पश्चिम तक ये 60 युवा चैम्पियन भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा और विविधता का प्रतीक हैं। वे 70 देशों से आए 1400 प्रतिभागियों के साथ मुकाबला करने जा रहे हैं, ऐसे में यह देश के कौशल समुदाय के लिए गौरव का समय है। पुरूष प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी, तथा उद्योग जगत के लीडर्स के सहयोग से उनकी मजबूत तैयारी, सभी बाधाओं को दूर करने और नए मानक स्थापित करने की देश की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।’’

अन्तर्राष्ट्रीय कौशल के ओलम्पिक गेम्स के रूप में विख्यात इस प्रतियोगिता के लिए भारत अपने 60 प्रतिस्पर्धियों को भेज रहा है जो 70 से अधिक देशों से आए प्रतिभागियों के साथ 52 श्रेणियों में मुकाबला करेंगे। 52 से अधिक वल्र्डस्किल्स विशेषज्ञों और 100 से अधिक ओद्यौगिक एवं अकादमिक साझेदारों ने भारतीय टीम को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें प्रतियोगिता के लिए तैयार किया है, गौरतलब है कि इस बार हम सबसे बड़ी टीम को वल्र्डस्किल्स ल्योन भेज रहे हैं।

जानी-मानी कंपनियों जैसे टोयोटा किरलोस्कर, मारूति, लिंकन इलेक्ट्रिक आदि के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण प्रोग्रामों ने भारतीय टीम को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस साल देश भर के ओद्यौगिक लीडर्स और संस्थानों ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण  प्रदान किया- जैसे फेस्टो इंडिया ने इंडस्ट्री 4.0 में, एनआईएफटी दिल्ली ने फैशन टेक्नोलॉजी में एलएण्डटी ने ब्रिकलेइंग और कॉन्क्रीट निर्माण में प्रशिक्षण प्रदान किया। इस तरह की साझेदारियां प्रशिक्षण में सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित करती हैं और हमारे कुशल कार्यबल के भविष्य को आयाम देने में उद्योग जगत की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती हैं। इस साल की टीम और भी खास है, जहां महिलाएं पुरूष प्रधान क्षेत्रों जैसे वेल्डिंग, प्लम्बिंग और हीटिंग आदि में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। यह टीम भारत की विविधता को भी दर्शाती हे, जिसमें देश के हर कोने से प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इनमें मिज़ोरम से लेकर जम्मू-कश्मीर, उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से लेकर पश्चिम और यहां तक कि अंडमान निकोबार द्वीपसमूहों से आए प्रतिभागी भी शामिल हैं।

फ्रांस रवाना होने से पहले प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाने के लिए इस विशेष समारोह का आयोजन नई दिल्ली के कौशल भवन में हुआ। समारोह के दौरान श्री जयंत चैधरी ने प्रतिभागियों के लिए विशेष परिधान का भी अनावरण किया। इस परिधान को फैशन डिज़ाइनर मनीष त्रिपाठी द्वारा डिज़ाइन और सिला गया है, जिन्होंने अयोध्यान में राम लला की मूर्ति की पोषाक भी बनाई है। भारतीय टीम वल्र्ड स्किल्स 2024 के दौरान इसी परिधान में नज़र आएगी। बनारस सिल्क, असम के एरि सिल्क और मध्य प्रदेश के कॉटन सिल्क से बनी इस पोशाक को जटिल मिथिला कला से सजाया गया है। इसका हर पीस अपने आप में मास्टरपीस है, जिसे हाथ से बुना गया है, जो विश्वस्तरीय मंच पर भारत के बुनकरों और कारीगरों के कौशल को दर्शाता है।

स्मारोह क दौरान भारत के पहले ओलम्पिक बाॅक्सिंग पदक विजेता विजेन्द्र सिंह, भारतीय कुश्ती के उभरते सितारे अमन सेहरावत और थिएटर एवं फिल्म जगत के जाने-माने कलाकार शरमन जोशी भी मौजूद रहे। जिन्होंने अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए युवा प्रतिभागियों को जोश और उत्साह के साथ परफोर्मेन्स देने के लिए प्रेरित किया। उनके उत्साहवर्धक शब्दों ने भारतीय टीम पर गहरी छाप छोड़ी, जो ग्राण्ड फिनाले की तैयारी में जुटे हैं।

वर्ल्डस्किल्स प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागी विभिन्न सेक्टरों जैसे कन्सट्रक्शन, मैनुफैक्चरिंग, इन्फोर्मेशन टेक्नोलाॅजी और क्रिएटिव आर्ट्स में अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे। आमतौर पर 23 वर्ष से कम उम्र के प्रतिभागी उद्योग जगत के मानकों के अनुसार तैयारी कर इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं। पहली बार इन प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करने के लिए देश में अन्तर्राष्ट्रीय प्रशिक्षकों को आमंत्रित किया गया और साथ ही उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यवहारिक ज्ञान एवं प्रशिक्षण पाने के लिए साउथ कोरिया, जापान, आॅस्ट्रिया, थाईलैण्ड और दुबई और स्विट्ज़रलैण्ड भेजा गया।

भारतीय टीम 1 सितम्बर को दिल्ली पहुंची और प्रशिक्षण का अंतिम चरण पूरा किया।इस प्रशिक्षण में योग सत्र, उनकी मानसिक क्षमता बढ़ाने के लिए मनोवैज्ञानिक जांच तथा पोषण के बारे में सलाह और मार्गदर्शन आदि शामिल किए गए। प्रतियोगिता के राष्ट्रीय संस्करण में 900 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। ज़िला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित यह प्रतियोगिता इंडियास्किल्स राष्ट्रीय प्रतियोगिता के साथ समाप्त हुई। इस मंच के माध्यम से प्रतिभागियों ने पारम्परिक कारीगरी से लेकर आधुनिक तकनीकों तक में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के 2022 संस्करण में भारत से सबसे अधिक 56 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया था, जिनमें 11 महिलाएं भी शामिल थीं तथा 12 उम्मीदवार आईटीआई से क्वालिफाय हुए थे।

इस आयोजन में भारत 11वें स्थान पर रहा। देश ने 13 उत्कृष्टता पदक, 2 रजत पदक और तीन कांस्य पदक जीते। भारत ने 2007 से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेना शुरू किया और तब से लगातार प्रगति के पथ पर बढ़ता रहा है। 2017 में देश ने 19 पदक जीते और 2019 में 14वें स्थान पर रहा। क्षेत्रीय प्रतियोगिता के लिए 2.5 लाख से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए थे, पहले राउण्ड में एसआईडीएच के माध्यम से उन्की डिजिटल प्री-स्क्रीनिंग की गई। अधिक से अधिक भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए फिज़िकल एवं आॅनलाईन माध्यमों से 200 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित की गईं। इंडिया स्किल्स, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की पहल है। यह प्रतिभाशाली युवाओं को पहचान कर विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों में प्रोत्साहित करने के लिए कौशल प्रतियोगिताओं के लिए राष्ट्रीय मंच की भूमिका निभाती है।

फोटो संख्या-001

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