Breaking

Your Ads Here

Wednesday, August 28, 2024

"सारंगी पीड़ा की" के माहिए मन को झंकृत करने की ताकत रखते हैं: डा. सविता चड्ढा

 


नित्य संदेश ब्यूरो

नई दिल्ली। सुर साहित्य परिषद नई दिल्ली के तत्वावधान में जाने-माने गीतकार डॉ. जयसिंह आर्य के माहिया संग्रह "सारंगी पीड़ा की" का लोकार्पण अन्तरराष्ट्रीय कवयित्री-गीतकार डॉ. कीर्ति काले के द्वारा साहित्यिक, सादगीपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ, जिसे अराध्या प्रकाशन मेरठ द्वारा प्रकाशित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सहारनपुर के सुप्रसिद्ध गीतकार-माहियाकार डॉ. बिजेन्द्र पाल शर्मा ने की। सुप्रसिद्ध हिन्दी सेवक बृजेश गर्ग नें माँ शारदे के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि लखनऊ से आए सुप्रसिद्ध कवि-ग़ज़लकार भूपेंद्र सिंह 'शून्य' रहे। सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. सविता चड्ढा का सानिध्य रहा। कार्यक्रम को अपना बहादुरगढ़ से आए सुप्रसिद्ध कवि-गीतकार कृष्ण गोपाल विद्यार्थी व चन्द्रभान शर्मा दिल्ली ने दिया। कार्यक्रम  का संचालन सुप्रसिद्ध कवि-गीतकार डॉ. संजय जैन (संस्थापक /अध्यक्ष - सुर साहित्य परिषद्) ने किया, संयोजिका युवा कवयित्री-गीतकार उर्वी ऊदल (महासचिव -सुर साहित्य परिषद्) रही। इस अवसर पर "सारंगी पीड़ा की" पर अपने विचार प्रकट करते हुए डा. कीर्ति काले ने कहा, पुस्तक के सारे माहिए अर्थ विस्फोट के साथ जीने की कला सिखाते हैं। ये माहिए पाठकों के हृदयों में पल रही पीड़ा का उपचार करके उन्हें जीवन जीने की कला सिखाते हैं। सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा. सविता चड्ढा ने कहा कि "सारंगी पीड़ा की" के माहिए मन को झंकृत करने की ताकत रखते हैं।

अध्यक्ष डॉ. बिजेन्द्र पाल शर्मा ने पुस्तक के शीर्षक पर डॉ. जयसिंह आर्य को विशेष बधाई देते हुए कहा कि सारंगी जैसे मनभावन लोक वाद्य यंत्र को भावी पीढ़ी भूल न जाए, इसी दृष्टी से संग्रह के शीर्षक से सारंगी की धुन का सदैव  आभास होता रहेगा मुख्य अतिथि भूपेन्द्र  सिंह "शून्य" ने पुस्तक पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि सारंगी पीड़ा के माहिए छन्दों का वो गुलदस्ता है जो अपनी सुगंध से काव्य जगत को सुगंधित कर रहा है। कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ने अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि सभी माहिए देश प्रेम को जगाते हैं तथा समाज को नई दिशा प्रदान करते हैं। विशिष्ट अतिथि प्रवीण गोयल, चन्द्रभान शर्मा, राम अवतार बैरवा (आकाशवाणी कार्यक्रम निदेशक), ओम प्रकाश कल्याण, राजेश प्रभाकर व आचार्य धर्मवीर ने भी अपने विचार व्यक्त  किए।

इस अवसर काव्योत्सव का भी आयोजन किया गया, जिसमें राजधानी दिल्ली उत्तर प्रदेश, हरियाणा से आ जिन कवियों ने अपने शानदार काव्य पाठ से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की जिनमें डॉ. सुदेश यादव दिव्य मेरठ से, डॉ. संदीप मित्तल, इरफान राही, सीमा रंगा, सीमा वत्स, नरेंद्र कुमार मस्ताना, राम श्याम हसीन, वर्षा सिंह, अवधेश कनौजिया, राजेश रघुबर, वेद प्रकाश मणि, राजकुमार शिशोदिया, रमेश गंगेले' अनंत, भंवर भारती, हरेंद्र यादव फकीर, राजेश रघुबर, विनोद पाराशर, शिव शंकर राजपूत, राजीव तनेजा, संजू तनेजा, प्रवीन आर्या, डॉ. सरोज शर्मा, जगदीश मीणा आदि थे।

सुर साहित्य परिषद् के पदाधिकारियों नयन नीरज नायाब (सचिव), डॉ. सत्यम भास्कर (उप सचिव) आदि ने कार्यक्रम को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में अहम भूमिका निभाई कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न होने पर संयोजिका उर्वी ऊदल (महासचिव सुर साहित्य परिषद्) व सीमा रंगा (मीडिया प्रभारी सुर साहित्य परिषद्) ने कार्यक्रम की अपार  सफलता पर सभी आमंत्रित अतिथियों व कवियों व कवयित्रियों का आभार व्यक्त किया।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here