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Tuesday, August 20, 2024

प्रेम-करुणा-मैत्री-समानता-सद्भावना-समन्वय का संगम ही सनातन है: डॉ. अतुल कृष्ण

अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। रक्षा बन्धन के पर्व पर रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है "रक्षा के प्रति वचन प्रतिबद्धता"। प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर उसकी कलाई पर आकर्षक राखी बांधती है और भाई अपनी बहन को आशीर्वाद देकर उसे सुरक्षा देने और सशक्त होने का आशीर्वाद देता है।
स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में रक्षा बंधन का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। वरिष्ठ शिक्षिका सनातनी आपा जे़हरा ज़ैदी ने रक्षाबंधन पर्व पर सुभारती समूह के संस्थापक डॉ अतुल कृष्ण को राखी बांध कर प्रेम-करुणा-मैत्री-समानता-सद्भावना और समन्वय का संदेश दिया। सुभारती विश्वविद्यालय की छात्रा सनातनी जहान्वी ठाकुर ने सनातनी डॉ सरताज अहमद को भारतीय संस्कृति के अनुसार स्नेह के प्रतीक कच्चे सूत, रंगीन कलावे और रेशमी धागों से निर्मित रंग बिरंगी राखी बांधकर स्नेह , सद्भावना, सम्मान , समर्पण, सशक्त, सुरक्षा, समर्थन और साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया। गौरतलब है कि सुभारती विश्वविद्यालय में अन्य सभी राष्ट्रीय त्यौहार, प्रांतीय और धार्मिक उत्सव भारतीय परम्परागत तरीके से मनाए जाते हैं। 

इस अवसर पर डॉ अतुल कृष्ण ने कहा कि केवल हिन्दू-जैन-सिख-बौद्ध ही सनातनी नहीं हैं, यदि एक मुस्लिम में भी समन्वय हो और राष्ट्रीयता का भाव हो तथा वह कहे कि राष्ट्र प्रथम-सदैव प्रथम, तो वह भी सनातनी है। 

इस अवसर पर डॉ. सुधीर कुमार त्यागी, डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी,डॉ. अमित, डॉ. राम प्रकाश तिवारी, श्री मधुर शर्मा डॉ. मोनिका मेहरोत्रा, डॉ. अमृता चौधरी, डॉ. नेहा, सुश्री शैली शर्मा एवं छात्राओं टिंडे, शिवानी, कायनात, आंचल, गुंजन, जानवी, अमन, अपूर्वा कौशिक, वर्षा आदि ने एक दूसरे को राखी बांधकर सामाजिक सांस्कृतिक सद्भावना का संदेश दिया।

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