कौशल और अप्रेंटिसशिप जागरूकता के जरिए हजारों युवाओं को बनाया सशक्त
नित्य संदेश ब्यूरो
हापुड़ ।
कौशल विकास औरउद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार ने अपनी कार्यान्वयन इकाई
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वरमें
आयोजित गढ़ गंगा मेले में स्किल इंडिया की प्रमुख पहलों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन
किया। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र
प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयन्त चौधरी के मार्गदर्शन में आयोजित इस
प्रदर्शनी को लाखों आगंतुकों ने उत्साहपूर्वक सराहा।मेले में आने वाले लोगों ने स्किल
इंडिया मिशन के अंतर्गत सीखने, अप्रेंटिसशिप और
रोजगार के विविध अवसरों की जानकारी प्राप्त की और सरकार द्वारा चलाई जा रही कौशल
विकास योजनाओं के बारे में विस्तार से जाना।
कौशल
विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य
मंत्री श्री जयन्त चौधरी ने कहा
कि"गढ़ गंगा मेला हमेशा विश्वास और सामुदायिक मिलन का स्थान
रहा है और आज यह महत्त्वाकांक्षा और अवसर का भी एक केंद्र बन गया है। स्किल इंडिया
को इस पवित्र आयोजन में लाकर हम परंपरा और तकनीक का संगम कर रहे हैं और लोगों तक
भविष्य के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण पहुँचाने का काम कर रहे हैं।यह प्रदर्शनी स्किल
इंडिया और इसकी पहलों के बारे में जागरूकता फैलाने का एक प्रभावशाली माध्यम है,
जिससे नागरिक
विशेषकर हमारे युवा यह समझ सकें कि वे प्रशिक्षण,
अप्रेंटिसशिप और
डिजिटल स्किल प्लेटफ़ॉर्म्स तक कैसे पहुँच सकते हैं,
जो उनके भविष्य
को बदल सकते हैं।सिद्धजैसे प्लेटफ़ॉर्म्स और अप्रेंटिसशिप व पीएम सेतुजैसी पहलों
के माध्यम से हम अपने युवाओं को सिर्फ आज के रोजगार के लिए ही नहीं,
बल्कि कल की
दुनिया के लिए तैयार कर रहे हैं जहां कौशल, नवाचार और डिजिटल
सशक्तिकरण भारत की विकास गाथा को परिभाषित करेंगे।"
मेले में स्थापित स्किल इंडिया पेविलियन का उद्देश्य सरकार की प्रमुख कौशल विकास योजनाओं को आम नागरिकों विशेष रूप से युवाओं और स्थानीय समुदायों के और करीब लाना था।यह मेला व्यापक जनसंपर्क और लाभार्थियों के साथ सीधे संवाद के लिए एक आदर्श प्लेटफॉर्म साबित हुआ।लगभग 20 लाख से अधिक लोगों ने इस मेले का दौरा किया, जिससे यह आयोजन जनभागीदारी और कौशल जागरूकता के दृष्टिकोण से अत्यंत सफल रहा। स्किल इंडिया पेविलियन ने आगंतुकों को प्रत्यक्ष रूप से कौशल विकास की झलक देखने और समझने का अवसर प्रदान किया। यहाँ लाइव डेमोंस्ट्रेशन, डिजिटल रजिस्ट्रेशन कियोस्क तथा सरकारी प्रशिक्षण एवं अप्रेंटिसशिप योजनाओं में नामांकन की प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन करने वाले प्रतिनिधियों से बातचीत की सुविधा उपलब्ध कराई गई।आकर्षक विज़ुअल्स, डिजिटल कंटेंट और ऑन द स्पॉट असिस्टेन्स के माध्यम से इस पेविलियन ने जनता को स्किल इंडिया मिशन के अंतर्गत निर्मित हो रहे स्किलिंग ईकोसिस्टमसे परिचित कराया।
प्रदर्शनी के केंद्र में स्किल इंडिया डिजिटल
हब (सिद्ध) था। यह एक एआई ड्रिवन
प्लेटफ़ॉर्म हैजो स्किलिंग, अपस्किलिंग और रिस्किलिंग के अवसरों को एक ही
डिजिटल इकोसिस्टम में जोड़ता है।इस प्लेटफ़ॉर्म को एक वन-स्टॉप सॉल्यूशन के रूप
में प्रस्तुत किया गया, जहाँ शिक्षार्थी
ऑनलाइन और ब्लेंडेड कोर्सेज़ तक पहुँच सकते हैं,
लाइव क्लासेस में
भाग ले सकते हैं, ऑनलाइन भुगतान कर
सकते हैं, पर्सनलाइज़्ड जॉब
रिकमेंडेशन्स प्राप्त कर सकते हैं और यहां तक कि डिजिटल सीवी भी तैयार कर सकते
हैं।आगंतुकों को यह दिखाया गया कि सिद्धकैसे करियर काउंसलिंग, मेंटरशिप और सत्यापित डिजिटल क्रेडेन्शियल्स तक
आसान पहुँच प्रदान करता है, जिससे युवा सीधे
प्रशिक्षण और रोजगार के अवसरों से जुड़ सकते हैं।सिद्धका डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच
युवाओं के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय रहा,
जो सरकार की इस
सोच को दर्शाता है कि सीखना कभी भी,
कहीं भी और सभी
के लिए सुलभ होना चाहिए।
पवेलियन में नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम
(पीएम-एनएपीएस) के माध्यम से सीखने और
रोजगार के बीच सेतु के रूप में अप्रेंटिसशिप की भूमिका पर भी विशेष जोर दिया
गया।प्रतिभागियों को यह बताया गया कि अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम के तहत वे सीखते हुए
कमाई कर सकते हैं, उद्योगों में
व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं,
और राष्ट्रीय
स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र हासिल कर सकते हैं।इस पहल के माध्यम से अब तक 42 लाख से अधिक अप्रेंटिस और 52,000 से ज्यादा कंपनियाँ जुड़ चुकी हैं, जिससे यह

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