साजिद कुरेशी
नित्य संदेश, सरधना। एक रिटायर्ड जीएसटी कमिश्नर की पत्नी से जमीन बेचने के नाम पर 90 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपी ने जमीन का सौदा करके 90 लाख रुपये एडवांस में लिए, लेकिन बाद में रजिस्ट्री कराने से इनकार कर दिया। जब महिला ने अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने चेक दिया जो बाउंस हो गया। अब कोर्ट के आदेश पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह घटना रोहटा क्षेत्र के लाहौरगढ़ गांव की है। अंसल
टाउन में रहने वाली विनीता के पति वीर सिंह, जो कि एक रिटायर्ड सेल टैक्स कमिश्नर हैं, को गांव लाहौरगढ़ के
धर्मेंद्र त्यागी उर्फ धर्मा ने एक कृषि भूमि दिखाई। जमीन का सौदा 2 करोड़ रुपये में तय
हुआ। धर्मेंद्र ने बतौर एडवांस 90 लाख रुपये मांगे। विनीता ने एक साल पहले धर्मेंद्र को 55 लाख रुपये नकद और 35 लाख रुपये बैंक खाते
में ट्रांसफर कर दिए। कुछ समय बाद, धर्मेंद्र ने वीर सिंह
को बताया कि जमीन विवादित है और उसकी रजिस्ट्री नहीं हो सकती। जब विनीता ने अपने
पैसे वापस मांगे, तो धर्मेंद्र ने पहले
तो टालमटोल की, फिर 45 लाख रुपये का चेक दे
दिया और बाकी 45 लाख रुपये नकद देने का
वादा किया। जब विनीता ने पंजाब एंड सिंध बैंक में वह चेक लगाया, तो वह बाउंस हो गया। इस
बारे में बात करने पर धर्मेंद्र ने बदसलूकी की और पैसे लौटाने से साफ इनकार कर
दिया। वह लगातार उन्हें टरकाता रहा और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी।
अपनी मेहनत की कमाई वापस पाने के लिए विनीता और उनके
पति ने सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए
आरोपी धर्मेंद्र त्यागी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। अब इस दंपति
को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और उनके पैसे वापस मिल जाएंगे।
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