Breaking

Your Ads Here

Tuesday, August 12, 2025

10 से 15 हजार रुपये में बन जाती थी हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट की मार्कशीट

 


-फर्जी तरीके से बैंक डेट की मार्कशीट बनवाने वाले गैंग के सरगना सहित 03 अपराधी गिरफ्तार

नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। स्पेशल टास्क फोर्स ने हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट की मार्कशीट में अवैध रूप से अंक बढ़ाकर उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश दिलाने एवं उप्र ओपन स्कूल बोर्ड से फर्जी तरीके से बैंक डेट की मार्कशीट बनवाने वाले गैंग के सरगना सहित 03 अपराधी गिरफ्तार किए गए।


पूछताछ में जिन्होंने अपने नाम जितेन्द्र पुत्र साधू सिंह निवासी सी-28 पांडव नगर थाना सिविल लाइन, शिवकुमार पुत्र राकेश कुमार निवासी 397/9 अपोजिट केएल इण्टर नेशनल स्कूल जागृति बिहार थाना मेडिकल एवं निखिल तोमर पुत्र बादाम सिंह निवासी 57 आशानगर जेल चुंगी थाना मेडिकल बताया। आरोपियों को एफ-230 गंगानगर से अरेस्ट किया गया, जिनके पास एक कम्प्यूटर सीपीयू, 2 प्रिंटर, 3 एक्सटर्नल हार्डडिस्क, 10 अद्द विभिन्न स्कूलों की मोहरें, 02 स्टाप पैड, 25 हाईस्कूल माध्यमिक शिक्षा परिषद की मार्कशीट, 49 इण्टरमीडिएट की मार्कशीट, 02 मार्कशीट उप्र राज्य मुक्त विद्यालय परिषद, 2 टीसी, 01 सनद, 01 गाड़ी ओरा बरामदगी हुई। एसटीएफ को सूचना प्राप्त हुई थी कि छात्रों से मोटी रकम लेकर हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट की मार्कशीट में अवैध रूप से छेड़छाड़ कर फर्जी तरीके से मार्कशीट में अंक बढ़ाकर उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश दिलाने एवं उप्र ओपन स्कूल बोर्ड से फर्जी तरीके से बैंक डेट की मार्कशीट बनवाने वाला एक गिरोह सक्रिय है। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाइयों, टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया था, जिसके अनुपालन में अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह, के पर्यवेक्षण में एसटीएफ फील्ड इकाई मेरठ द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी। मुखबिर की सूचना पर विश्वास कर एसटीएफ टीम द्वारा तीनों को हिरासत में लिया गया।


प्रत्येक छात्र से वसूले जाते थे दस हजार रुपये

पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि जिन छात्र/छात्राओं को उच्च संस्थान में प्रवेश लेना होता है, किन्तु उनके अंक उन संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए पर्याप्त नहीं होते तो उनकी मार्कशीट में प्रदर्शित प्राप्तांक में कप्यूटर सिस्टम के माध्यम से असली प्राप्तांकों को एडिट कर उनके स्थान पर फर्जी तरीके से प्राप्तांक बढ़ाकर नई मार्कशीट तैयार कर छात्रों को उपलब्ध करा देते है, जिससे उन्हें आसानी से उनके मनचाहे संस्थान में प्रवेश मिल जाता है, जिसके लिए प्रति छात्र से 10 हजार रुपये वसूल करते हैं।


लखनऊ तक फैला था जाल

इसी तरह यदि किसी छात्र को टीसी की आवश्यकता होती है तो यह लोग उसके फर्जी टीसी बनाकर दे देते हैं, जिसका यह प्रति छात्र 3000/- लेते हैं। इन लोगों ने विभिन्न स्कूलों की रबर मोहरें बनवा रखी हैं। उप्र राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की बिना परीक्षा दिलाए ही छात्र/छात्राओं की बैक डैट की हाईस्कूल एवं इण्टर की मार्कशीट बनाकर छात्रों को उपलब्ध कराते हैं। इनका एक साथी जो लखनऊ का रहने वाला है, के माध्यम से यह लोग मार्कशीट बनवाते है। यह लोग छात्र का आधार कार्ड व फोटो लखनऊ में अपने साथी को उपलब्ध कराते है और वह 10-15 दिन में मार्कशीट बनाकर, पोर्टल पर चढ़ाकर इनको कोरियर के माध्यम से भेज देता हैं, जिसके लिए यह छात्र/छात्राओं से 10 से 15 हजार रुपये लेते है। लखनऊ के अपने साथी को 05 हजार रुपये प्रति मार्कशीट भेज देते हैं। यह लोग पिछले 10 वर्षों से यह कार्य कर रहे हैं।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here