राज्य बोर्ड निभाएंगे डुअल रोल के रूप में अवार्डिंग बॉडी का कार्य
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। युवाओं के लिए स्कूली शिक्षा को व्यावसायिक प्रशिक्षण से जोड़ने और बिना किसी रुकावट के लर्निंग पाथवे तैयार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत, आज कौशल भवन, नई दिल्ली में "राज्य/संघ शासित प्रदेशों के शिक्षा बोर्डों को एनसीवीईटी के अंतर्गत डुअल कैटेगरी अवार्डिंग बॉडीज के रूप में शामिल करने" पर एक राष्ट्रीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप का आयोजन स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएंडएल), शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) तथा राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह वर्कशॉप राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप औपचारिक शिक्षा प्रणाली के साथ व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण की ह्यसंपूर्ण सरकारह्ण दृष्टिकोण का हिस्सा है। इस अवसर पर 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा बोर्डों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
वर्कशॉप को संबोधित करते हुए श्री रजित पुन्हानी, सचिव, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने कहा: ह्लजैसे-जैसे हम एनसीवीईटी की पहचान को और ऊँचाई तक ले जा रहे हैं, हमारा उद्देश्य केवल इसकी पहुँच का विस्तार करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि यह स्किलिंग ईकोसिस्टम में गुणवत्ता और ईमानदारी का मानक बने। अब जब राज्य बोर्ड डुअल कैटेगरी अवार्डिंग बॉडीज़ की भूमिका निभाने जा रहे हैं, तो यह जिम्मेदारी और भी बड़ी हो जाती है। यह केवल परीक्षाएं आयोजित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यावसायिक प्रशिक्षण, शिक्षण पद्धति और परिणामों में उच्च मानकों को बनाए रखने का कार्य है। यह एक ऐसा अवसर है जब हम अपनी सामूहिक पहचान को नए सिरे से परिभाषित कर सकते हैं ताकि हर ट्रेनिंग कोर्स और हर प्रमाणपत्र उत्कृष्टता का प्रतीक बने।ह्व
वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य राज्य बोर्डों को एनसीवीईटी (राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद) से डुअल कैटेगरी अवार्डिंग बॉडी के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने में मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करना था। इस मान्यता के तहत राज्य बोर्डों को यह अधिकार प्राप्त होगा कि वे एनएसक्यूएफ के मानकों के अनुरूप व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रशिक्षण और मूल्यांकन, दोनों कर सकें। जहाँ एक सामान्य अवार्डिंग बॉडी केवल प्रशिक्षण देकर प्रमाणपत्र प्रदान करती है, वहीं डुअल कैटेगरी अवार्डिंग बॉडी को प्रशिक्षण के साथ-साथ शिक्षार्थियों का मूल्यांकन करने की भी अनुमति होती है। इससे राज्य बोर्ड अपने-अपने राज्यों में स्किलिंग ईकोसिस्टम के केंद्र में आ जाते हैं और व्यावसायिक शिक्षा सेवाओं की पूरी श्रृंखला प्रदान कर सकते हैं।
डुअल कैटेगरी अवार्डिंग बॉडी मॉडल कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है। यह मॉडल राज्य बोर्डों को राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (वीईटी) ईकोसिस्टम में सरकारी मान्यता दिलाने के साथ-साथ उन्हें एनसीवीईटी से संबद्ध योग्यताओं तक पहुंच प्रदान करता है। इससे नियोक्ताओं और उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच मान्यता में वृद्धि होती है और बोर्डों को अपनी शैक्षिक पेशकशों की दायरे और गुणवत्ता दोनों को विस्तार देने का अवसर मिलता है। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क, एकेडेमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स, और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क जैसे फ्रेमवर्क्स की सहायता से राज्य बोर्ड अब एनएसक्यूएफ स्तर 4 तक के पाठ्यक्रमों को डिज़ाइन, संचालित और मूल्यांकन करने में अधिक सक्षम होंगे जो कि स्थानीय स्तर पर कौशल विकास और रोज़गार के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं।
एक क्रमबद्ध सत्रों की श्रृंखला के माध्यम से प्रतिभागियों को एनसीवीईटी के नियमों, डुअल कैटेगरी मान्यता के लाभों और जिम्मेदारियों से परिचित कराया गया। वर्कशॉप में एक विशेष व्यावहारिक सत्र भी शामिल था, जिसमें एनसीवीईटी के सलाहकारों ने राज्यों को उनके आवेदन प्रक्रिया को तुरंत पूरा करने में मदद करने के लिए व्यक्तिगत तकनीकी सहायता और लाइव डेमो प्रदान किए। इसके परिणामस्वरूप, 24 राज्यों ने डुअल कैटेगरी अवार्डिंग बॉडी के रूप में एनसीवीईटी मान्यता प्रक्रिया की शुरुआत सफलतापूर्वक की, और 6 राज्यों — गोवा, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश और नागालैंड — ने अपने आवेदन पत्र पूर्ण कर जमा कर दिए।
वर्कशॉप के दौरान, गोवा माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (ॠइरऌरए) ने एक केस स्टडी के रूप में अपने अनुभव साझा किए, जिससे शामिल होने की प्रक्रिया पर व्यावहारिक जानकारियाँ प्रदान की गईं। वर्कशॉप में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) की अतिरिक्त सचिव सोनल मिश्रा, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की संयुक्त सचिव प्राची पांडेय, तथा राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद की कार्यकारी सदस्य डॉ. विनीता अग्रवाल और डॉ. नीना पाहुजा की गरिमामय उपस्थिति रही। यह वर्कशॉप सरकार के संयुक्त प्रयास को दर्शाती है, जिसका मकसद स्कूल की शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक रास्तों को मजबूत बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि राज्य बोर्ड इस महत्वपूर्ण भूमिका को अच्छे से निभा सकें। यह कार्यक्रम पिछले कुछ हफ्तों में हुए ऑनलाइन सलाह-मशविरों, हर राज्य की अलग-अलग चर्चाओं और समन्वय बैठकों का परिणाम भी था।
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