नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। शुभम करोति फाउंडेशन की ओर से आभा मानव मंदिर वृद्ध आश्रम पंचवटी कॉलोनी प्रांगण में गोस्वामी तुलसीदास जयंती के उपलक्ष्य में रामचरितमानस बालकांड पर तीसरे दिन प्रवचन हुए।
कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हम परीक्षा लेते हैं, संत की कि इतने दिन हमें सेवा करते हो गए, हमें क्या मिला? लेकिन पहले से जो हमें मिला हुआ है क्या हम उसके पात्र है? अगर मनुष्य के अंदर दैन्य भाव नहीं आता तो वह भक्ति के लायक नहीं है। हमें प्रतीक्षा करनी चाहिए धैर्य रखना चाहिए। कोर्ट कचहरी में हम 10 -10 साल प्रतीक्षा करते हैं और कभी-कभी जीवन भी समाप्त हो जाता है, लेकिन जब वही मनुष्य भगवान के घर जाता है तो वह बन जाता है परीक्षक। उन्होंने कहा कि भगवान शिव ऐसे हैं जिनको देवता, मनुष्य, दैत्य सब पूजते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि धनी व्यक्ति सुखी है, यदि ऐसा होता तो गौतम बुद्ध राजपाठ छोड़कर ना जाते। हां जो शांत है वह सुखी और समृद्ध है। परमात्मा को अनुभव करना है तो उसके अनुसार मति करनी पड़ेगी। व्यास पूजन माया खंडेलवाल, शैलेन्द्र बरौनिया, आशा बरोनिया, सुरेश चंद्र गोविल व आभा गोविल ने की।
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