-सीसीएसयू ने ब्रजघाट,
गढ़मुक्तेश्वर में किया विशेष योग आयोजन, तीर्थस्थली पर योग से जोड़ा संस्कृति, आस्था
और प्रकृति का संगम
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय
द्वारा 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला
के अंतर्गत मंगलवार को गढ़मुक्तेश्वर स्थित पवित्र ब्रजघाट गंगा तट पर एक विशेष सामूहिक
योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
योग विज्ञान विभाग एवं
साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस भव्य आयोजन की प्रेरणा
प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से प्राप्त हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ गंगा माँ के पावन तट पर कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला द्वारा
परंपरागत रूप से दीप प्रज्वलन कर तथा गंगा जल में जल अर्पण कर किया गया। उन्होंने माँ
गंगा को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए पहले उन्हें जल समर्पित किया, जो किसी भी गंगा
तट आयोजन की भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का प्रथम चरण होता है। इसके पश्चात उन्होंने
शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों व श्रद्धालुओं के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया।
इस आयोजन की विशेषता यह रही कि प्रतिभागियों ने केवल तट पर ही नहीं, अपितु गंगा की
लहरों पर चलती नौका में बैठकर भी योग किया।
ब्रजघाट जैसे तीर्थस्थल
पर योग का आयोजन केवल एक क्रियात्मक अभ्यास न होकर भारतीय संस्कृति, प्रकृति और आध्यात्मिक
चेतना से जुड़ाव का प्रतीक था। जीवनदायिनी गंगा के प्रवाह के मध्य योग साधना का उद्देश्य
यह संदेश देना था कि जीवन रूपी नौका में संतुलन, प्रवाह और संयम के साथ ही जीवन सफल
होता है। योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने की विधि नहीं, बल्कि यह आत्मा और मन के संतुलन
का विज्ञान है जो प्रकृति से जुड़कर और भी प्रभावी हो जाता है।
कार्यक्रम में योगाचार्य
अमरपाल द्वारा सूर्य नमस्कार, नमस्कार मुद्रा, ध्यान क्रिया, भ्रामरी, नाड़ी शोधन प्राणायाम
आदि का अभ्यास कराया गया। योग विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक योग पिरामिड
और विशेष आकृतियों का प्रदर्शन किया गया, जिसने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस
अवसर पर किसान कॉलेज सिंभावली के सचिव राजू, प्राचार्य प्रो. विजय गर्ग, महेंद्र सिंह
डिग्री कॉलेज गढ़मुक्तेश्वर के प्रबंधक विजयवीर, चेयरपर्सन चौधरी रेणुका सिंह, डायरेक्टर
डॉ. विजयवीर सिंह, डॉ. पंकज कुमार, प्रेरणा वर्मा, पारुल सहित कई शैक्षणिक संस्थानों
के शिक्षक, एनसीसी कैडेट्स और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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