अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। सरदार पटेल सुभारती इंस्टीट्यूट ऑफ़ लॉ, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा एक नि:शुल्क विधिक सहायता शिविर का आयोजन रोहटा रोड स्थित आरना पब्लिक स्कूल में किया गया।
लॉ कॉलेज की लैंगिक जागरूकता कमेटी तथा लॉ क्लब की समन्वयक डॉ. सारिका त्यागी के नेतृत्व में विद्यार्थियों का एक समूह आरना पब्लिक स्कूल रोहटा रोड मेरठ पहुंचा।विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉक्टर सारिका त्यागी ने उन्हें लैंगिक असमानता के विषय में बताया कि और कहा की लिंग असमानता को सामान्य शब्दों में इस तरह परिभाषित किया जा सकता हैं कि, लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव। समाज में परम्परागत रुप से महिलाओं को कमजोर जाति-वर्ग के रुप में माना जाता हैं। वे घर और समाज दोनों जगहों पर शोषण, अपमान और भेदभाव से पीड़ित होती हैं। महिलाओं के खिलाफ भेदभाव दुनिया में हर जगह प्रचलित है। वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक- 2023 में भारत 146 देशों में 127वें स्थान पर रहा। इससे साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे देश में लैगिंक भेदभाव की जड़ें कितनी मजबूत और गहरी है। लैंगिक असमानता का जन्म समाज और परिवार के मध्य होता है।लैंगिक असमानता एक ऐसी स्थिति है, जब पुरुष और महिलाओं के साथ लिंग के आधार पर समान व्यवहार नहीं किया जाता है। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा,रोजगार, वेतन एवं सामाजिक क्षेत्र में भेदभाव शामिल है, लंबी राजनीतिक स्थिति तथा विभिन्न धर्म की विभेदकारी नीतियां भी इसका प्रमुख कारण है।
उन्होंने बताया कि इस असमानता को खत्म किया जाना आवश्यक है। भारत का संविधान किसी से भी भेदभाव नहीं करता है तथा सभी को अवसरों की समान स्वतंत्रता प्रदान करता है। प्रेरणा, सोनाली, शिवांगी, सुरभि, श्वेता, राहुल आदि विद्यार्थियों ने भी उपस्थित छात्राओं को उनके विभिन्न मौलिक अधिकारों, तथा डोमेस्टिक वायलेंस, स्वास्थ्य का अधिकार, आर्थिक समानता, यौन उत्पीड़न और पूर्वाग्रह के प्रति शून्य सहनशीलता आदि के विषय में बताया।
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