लियाकत मंसूरी
नित्य संदेश, मेरठ। एक अनूठी पहल के तहत देश में पहली बार एक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर इंटरसिटी यानी दिल्ली से मेरठ को जोड़ने वाली सेमी-हाई-स्पीड ‘ट्रेन नमो भारत और मेरठ शहर में चलने वाली मेरठ मेट्रो, जल्द दौड़ती नजर आएंगी। ये भारतीय परिवहन परिदृश्य में नई क्रांति लाने जा रही हैं। अत्याधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली और अनुकूलित समय-सारणी से नमो भारत और मेरठ मेट्रो - दिल्ली, मेरठ व आसपास के क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी को नया आयाम देंगी, जिससे तीव्र, सुरक्षित व सुविधाजनक यात्रा संभव होगी तथा लाखों लोग इससे लाभान्वित होंगे।
मीडिया प्रवक्ता ने बताया
कि नमो भारत की अधिकतम ऑपरेशनल स्पीड 160 किमी प्रति घंटा है, जो फिलहाल दिल्ली के
न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक संचालित हो रही है। वहीं, देश की सबसे तेज मेट्रो- मेरठ
मेट्रो 120 किमी प्रति घंटा की अधिकतम गति से चलने में सक्षम है, जो मेरठ साउथ से मोदीपुरम
डिपो तक 13 स्टेशनों के बीच संचालित होगी, जिससे ना सिर्फ लोगों के यात्रा समय में
भारी बचत होगी, बल्कि जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। एक ही बुनियादी ढांचे पर दोनों
परिवहन साधनों का संचालन एक महत्वाकांक्षी परियोजना है और भारतीय परिवहन क्षेत्र में
बड़े बदलाव का प्रतीक है। आने वाले समय में देश के अन्य शहरों में भी यह मॉडल देखने
को मिलेगा। एक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सुचारू संचालन के लिए नमो भारत और मेरठ मेट्रो,
दोनों की अनुकूलित समय-सारणी बनाई जाएगी। नमो भारत ट्रेन फिलहाल हर 15 मिनट में उपलब्ध
है, जो सराय काले खां से मोदीपुरम तक के पूरे कॉरिडोर के संचालन के बाद 10 मिनट तक
होने की संभावना है। मेरठ मेट्रो की फ्रीक्वेंसी संभवत: 7 मिनट की रहेगी। नमो भारत
व मेरठ मेट्रो एक आधुनिक परिवहन प्रणाली है, जिसका संचालन केंद्रीयकृत परिचालन नियंत्रण
केंद्र (ओसीसी) से होता है। एनसीआरटीसी ने दुनिया में पहली बार एलटीई बैकबोन पर प्लेटफॉर्म
स्क्रीन डोर (पीएसडी) से एकीकृत करते हुए यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) लेवल-2
को लागू किया है, जिसमें ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) और ऑटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन
(एटीएस) सब-सिस्टम शामिल हैं। एटीपी एक सुरक्षा प्रणाली जो यह सुनिश्चित करती है कि
ट्रेनें सुरक्षित गति सीमा और सिग्नल अनुपालन के भीतर संचालित हों। वहीं, एटीएस समय-सारिणी
का पालन बरकरार रखने और व्यवधानों को न्यूनतम करने के लिए ट्रेन परिचालन की निगरानी
और नियंत्रण की प्रणाली है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्लेटफॉर्म
स्क्रीन डोर को भी ईटीसीएस सिग्नलिंग सिस्टम के साथ एकीकृत किया गया है।
इस तरह बनाया जाएगा ट्रेन
शेड्यूल
ट्रेन शेड्यूल बनाते हुए
एनसीआरटीसी ने यात्रियों की सुविधा का खास ध्यान रखा है। मेरठ में ऐसे स्टेशनों पर
आइलैंड प्लेटफॉर्म की व्यवस्था की गई है, जहां मेरठ मेट्रो और नमो भारत का ठहराव होगा।
एक तरफ नमो भारत और दूसरी तरफ मेरठ मेट्रो मिलेगी, आप एक से उतरकर सामने वाले प्लेटफॉर्म
से दूसरी ट्रेन पकड़ सकते हैं। एक ही दिशा में जाने के लिए यात्रियों को ज्यादा चलने
की असुविधा नहीं होगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी यात्री को मोदीनगर नॉर्थ से मेरठ नॉर्थ
(मेट्रो स्टेशन) जाना है तो उसे बेगमपुल तक नमो भारत में सफर करना होगा और फिर इसी
स्टेशन पर उतरकर अगली मेट्रो में यात्रा करनी होगी। बेगमपुल स्टेशन को इस तरह डिजाइन
किया गया है, जहां आइलैंड प्लेटफॉर्म हैं। ऐसे में दोनों ही दिशा में जाने वाली ट्रेन
के लिए सीढ़ी या लिफ्ट का इस्तेमाल किए बिना यात्री उसी प्लेटफॉर्म के दोनों तरफ से
अपने गंतव्य की ट्रेन पकड़ सकते हैं। आइलैंड प्लेटफॉर्म ऐसा होता है जिसके दोनों तरफ
ट्रैक होते हैं। टिकट के लिए हालांकि उसे मोदीनगर नॉर्थ से सीधे मेरठ नॉर्थ का ही टिकट
लेना होगा, यानी मेट्रो का टिकट अलग से लेने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही एक ही दिशा
में चलने वाली नमो भारत और मेट्रो इस तरह प्लेटफॉर्म पर आएंगी जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म
पर उतरकर दूसरी तरफ जाने की आवश्यकता नहीं होगी। उसी प्लेटफॉर्म के एक तरफ नमो भारत
और एक तरफ मेरठ मेट्रो आएगी।
16 स्टेशन और लंबाई 82
किमी
नमो भारत ट्रेन में छह
कोच उपलब्ध हैं, जिनमें पहला कोच (दिल्ली से मेरठ की ओर) प्रीमियम है और दूसरा कोच
महिलाओं के लिए आरक्षित है। वहीं, मेरठ मेट्रो में तीन कोच हैं और प्रत्येक कोच में
महिलाओं, वृद्धजनों व दिव्यांगजनों के लिए सीटें आरक्षित हैं। नमो भारत और मेट्रो में
काफी अंतर है लेकिन यात्रियों के पहचानने के लिए इनके बाहरी रंग को भी अलग किया गया
है। नमो भारत में जहां बाहरी बॉडी पर मरून रंग की धारी है तो वहीं, मेट्रो पर पैरट
ग्रीन (तोतई) रंग की धारी हैं। मेट्रो के दरवाजों पर भी धारियों जैसा ही रंग है और
फ्रंट पर तिरंगा बना है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किलोमीटर
है, जिसमें 16 नमो भारत स्टेशन शामिल हैं। इसी खंड पर मेरठ साउथ से आगे मोदीपुरम डिपो
तक 23 किलोमीटर में 13 स्टेशनों के साथ मेरठ मेट्रो का संचालन होगा। मेरठ मेट्रो से
सभी स्टेशनों पर रुकते हुए ये दूरी लगभग 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। मेरठ साउथ के बाद
नमो भारत ट्रेन शताब्दी नगर, बेगमपुल (अंडरग्राउंड) और मोदीपुरम पर रुकेगी।
ये हैं मेरठ के स्टशेन
मेरठ मेट्रो के लिए मेरठ
साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस
कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो स्टेशन हैं। इनमें से मेरठ साउथ,
शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम पर नमो भारत और मेरठ मेट्रो, दोनों की सुविधा मिलेगी।
मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल अंडरग्राउंड स्टेशन हैं, बाकी स्टेशन एलिवेटेड हैं।
मोदीपुरम डिपो एट-ग्रेड स्टेशन है।
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