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Sunday, May 25, 2025

शिव नाडर यूनिवर्सिटी दिल्ली-एनसीआर ने 2025 की क्‍लास के साथ अपने 11वें दीक्षांत समारोह का जश्न मनाया


• भारत के G20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए
• इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन, CERN, जिनेवा की प्रिंसिपल स्टाफ साइंटिस्ट डॉ. अर्चना शर्मा और ICICI बैंक के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष एवं जाने-माने सिविल सर्वेंट श्री पीके सिन्हा को मानद डॉक्टरेट की उपाधि देकर सम्‍मानित किया गया
• इस वर्ष UG, PG और PhD में 910 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जो विश्वविद्यालय का अब तक का सबसे बड़ा स्नातक बैच है

नित्य संदेश ब्यूरो 
ग्रेटर नोएडा: शिव नाडर यूनिवर्सिटी, दिल्ली-एनसीआर, जो एक अग्रणी बहु-विषयक और शोध-केंद्रित यूनिवर्सिटी और भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त चार प्रतिष्ठित निजी संस्थान में से एक है, ने विश्वविद्यालय परिसर में अपना शानदार 11वां दीक्षांत समारोह मनाया। भारत के G20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। संकाय सदस्‍यों अभिभावकों और स्नातकों सहित 3,000 से अधिक अतिथि इस समारोह में शामिल हुए।

इस कार्यक्रम में शिव नाडर यूनिवर्सिटी, दिल्ली-एनसीआर के चांसलर शिखर मल्होत्रा और वाइस चांसलर प्रोफेसर अनन्या मुखर्जी ने तीन प्रतिष्ठित हस्तियों को उनके उल्‍लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्‍मानित किया। डॉ. वी. नारायणन, सचिव, अंतरिक्ष विभाग; अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग; अध्यक्ष, इसरो को उनके दूरदर्शी नेतृत्व और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान में उनके शानदार योगदान के लिए सम्मानित किया गया। CERN की प्रतिष्ठित भौतिक विज्ञानी और प्रिंसिपल स्टाफ साइंटिस्ट डॉ. अर्चना शर्मा को विज्ञान में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। ICICI बैक के गैर-कार्यकारी अध्‍यक्ष; पूर्व कैबिनेट सचिव और भारत के प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सलाहकार श्री प्रदीप कुमार सिन्‍हा को भी 7 मई, 2025 को एक अलग समारोह में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।

2025 के बैच को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने कहा, "छात्रों, आप ऐसे समय में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर रहे हो, जो मेरे विचार में, दुनिया के इतिहास में सबसे अधिक उथल-पुथल से भरा हुआ है। वैश्विक पटल पर हमने ऐसा क्रांतिकारी बदलाव पहले कभी नहीं देखा। आगे चल कर आप में से कई लोग भारत को बदलने और इस दौर का नया भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। और मुझे यकीन है कि आप सभी एक उज्‍जवल भविष्‍य का निर्माण करेंगे और इस महान विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे।"

डॉ. वी. नारायणन ने मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्‍मानित किए जाने पर कहा, "बहुत विनम्रता के साथ, मैं इस मानद डॉक्टरेट को स्वीकार करता हूँ। इसरो की स्थापना 1969 में हुई थी और आज हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं, हम अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं और 2027 में हम अपने रॉकेट से अंतरिक्ष में इन्‍सान को भेजने की योजना बना रहे हैं। नव-स्नातकों को बधाई। निडर होकर सपने देखें, निस्वार्थ भाव से काम करें, और अपनी अपार क्षमता का सदुपयोग करें।" डॉ. नारायणन ने दीक्षांत समारोह की सुबह के समय शिव नाडर यूनिवर्सिटी के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए 'भारत की अंतरिक्ष यात्रा' पर एक विशेष व्याख्यान भी दिया।

डॉ. अर्चना शर्मा ने कहा, "हमें उद्योगों में भारी बदलाव लाने की आवश्‍यकता है, जिस तरह से हमारा युवा स्टार्टअप इकोसिस्टम आगे बढ़ रहा है, स्वास्थ्य सेवा में बदलाव लाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को अपनाने के लिए भी उसी गति से काम करने की आवश्‍यकता है। मेरे विचार में न केवल ब्रह्मांड को समझने के लिए बल्कि मानवता की सेवा करने के लिए यह समय विज्ञान का लाभ उठाने का है, जैसा कि मैं CERN में करती हूं। आइए हम सब, वैज्ञानिक, शिक्षक, उद्यमी, नागरिक, एक ऐसे भविष्य की ओर चलें जहां ज्ञान किसी एक के लिए नहीं बल्कि सभी को आगे बढ़ाने का माध्‍यम हो।"

शिव नाडर यूनिवर्सिटी, दिल्ली-एनसीआर के चांसलर श्री शिखर मल्होत्रा ने कहा, “आज शिव नाडर यूनिवर्सिटी, दिल्ली-एनसीआर के लिए काफी हर्ष का दिन है क्‍योंकि आज हम बड़े गर्व के साथ 910 उत्‍कृष्‍ट छात्रों के अब तक के सबसे बड़े समूह को स्नातक की डिग्री प्रदान कर रहे हैं। 2025 की क्‍लास शिव नाडर यूनिवर्सिटी, दिल्ली-एनसीआर के इतिहास में एक विशेष स्थान रखती है। 23 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाला यह अब तक का सबसे विविधतापूर्ण समूह है। जीवन में आप जहां भी जाए, विविधता जरुर अपनाएँ। शिव नाडर यूनिवर्सिटी, दिल्ली-एनसीआर में हमारा मिशन सिर्फ़ छात्रों को स्नातक बनाना नहीं है, बल्कि खुद को एक ऐसा संस्थान बनाना है जो अवसर पैदा करे।”

यह दीक्षांत समारोह यूनिवर्सिटी के अब तक के सबसे बड़े स्नातक वर्ग का इतिहास बनाने जा रहा है, जिसमें कुल मिलाकर 910 छात्र स्नातक हुए। स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ नेचुरल साइंसेज, स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज और स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप में 696 स्नातक, 152 स्नातकोत्तर और 62 Ph.D. की डिग्री प्रदान की गईं। कई अन्य उत्कृष्ट अकादमिक परफॉर्मेंस को भी विशेष पुरस्कारों और सम्‍मान से सम्मानित किया गया।

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