अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के कार्यान्वयन पर एक महत्वपूर्ण अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एनईपी-2020 के विभिन्न पहलुओं और कार्यान्वयन की रणनीतियों पर गहराई से चर्चा करना था।
कार्यक्रम में एनईपी सारथी शिखा
शर्मा, पलक टंडन और मास्टर आयुष श्रीवास्तव उपस्थित रहे। एनईपी समन्वयक डॉ. मनोज
कुमार त्रिपाठी ने राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क एनसीआरएफ, चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम,
मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम, कौशल आधारित शिक्षा और समग्र विकास जैसे प्रमुख विषयों
पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ये सुधार भारतीय शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला, समावेशी
और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाएंगे। प्रो. (डॉ.) अनोज राज, प्रमुख, शिक्षा
विभाग ने एनईपी -2020 और राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क एनसीआरएफ की विस्तृत जानकारी
दी। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति कैसे पारंपरिक अकादमिक संरचना को लचीले, बहु-विषयक
और अनुसंधान-आधारित प्रणाली में बदल रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली
में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की एक व्यापक पहल है। डॉ. शोकेंद्र कुमार, प्राचार्य,
खरवेल सुभारती कॉलेज ऑफ फार्मेसी, ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कौशल विकास
और व्यावसायिक शिक्षा की भूमिका पर विशेष जोर दिया। डॉ. शोकेंद्र कुमार ने एनईपी-2020
के इस दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति न केवल छात्रों को आत्मनिर्भर बनाएगी,
बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक कुशल कार्यबल उपलब्ध कराने में भी सहायक सिद्ध होगी। कार्यक्रम
का समापन एनईपी सारथी शिखा शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय
के प्रतिष्ठित शिक्षक डॉ. धर्मपाल, डॉ. अमृता चौधरी, डॉ. प्रीति सिंह, रामप्रकाश तिवारी,
डॉ. नियति गर्ग, डॉ. दुर्वेश कुमार, डॉ. मोहिनी मित्तल, डॉ. सरिता शर्मा, डॉ. रूबी,
डॉ. लवली, डॉ. जूली, कपिल, शिकेब मजीद उपस्थित रहे। छात्रों में शिवानी, हुजैफा, नितेश
तिवारी, मोनू, वर्षा, मनीषा, सुमन, अनुष्का जावला, लिशा यादव, अनिकेत, एहसास, मोहित,
आलिया, दीपक, ध्रुव और दिव्या ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
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