नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक
एवं अभूतपूर्व अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के
प्रति जागरूकता बढ़ाना और समाज को दहेज एवं नशा जैसी सामाजिक कुरीतियों से मुक्त
करने की दिशा में जनसहभागिता को बढ़ावा देना था। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों एवं
संबद्ध महाविद्यालयों में लाखों विद्यार्थियों, शिक्षकों, अधिकारियों
एवं कर्मचारियों ने इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे
यह एक ऐतिहासिक आंदोलन बन गया।
कार्यक्रम
की मुख्य विशेषताएँ
1. सुबह 11 बजे से 12 बजे तक
विश्वविद्यालय परिसरों एवं संबद्ध महाविद्यालयों में सामूहिक पुस्तक पाठन का आयोजन
किया गया, जिसमें छात्रों, शिक्षकों,
अधिकारियों और कर्मचारियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया।
2. दोपहर 12:15 बजे पूरे प्रदेश में दहेज मुक्त भारत
एवं नशा मुक्त भारत की सामूहिक शपथ ली गई, जिसमें लाखों
लोगों ने एक स्वर में समाज सुधार का संकल्प लिया।
3. अभियान में डिजिटल भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए विशेष गूगल फॉर्म
एवं बारकोड जारी किया गया, जिसे शिक्षकों, छात्रों, कर्मचारियों के अलावा उनके परिवार एवं
मित्रों ने भरकर अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की।
4. राजा महेंद्र प्रताप पुस्तकालय में स्वास्तिक आकृति में बैठकर छात्रों ने
सामूहिक पुस्तक पाठन किया, जो शिक्षा एवं संस्कृति के प्रति
उनके समर्पण को दर्शाता है।
5. ललित कला विभाग के छात्रों ने कैनवास पर नशा मुक्त
भारत, दहेज मुक्त भारत विषय पर चित्रकारी कर सामाजिक संदेशों
का सृजनात्मक माध्यम प्रस्तुत किया।
6. योग विज्ञान विभाग के छात्रों ने विभिन्न योग मुद्राओं में पुस्तक पाठन कर
समाज में शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक सशक्तिकरण का संदेश
दिया।
7. विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के पुस्तकालयों एवं विभागों में छात्रों
एवं शिक्षकों ने विभिन्न साहित्यिक, शैक्षिक एवं प्रेरणादायक
पुस्तकों का अध्ययन कर ज्ञान की शक्ति को आत्मसात किया।
8. विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों में दहेज एवं नशा उन्मूलन पर परिचर्चाएँ
एवं संगोष्ठियाँ आयोजित की गईं, जिनमें विशेषज्ञों ने समाज
में इन बुराइयों को समाप्त करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
9. विश्वविद्यालय परिसर एवं संबद्ध महाविद्यालयों में पोस्टर एवं स्लोगन
प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिनमें छात्रों ने रचनात्मकता
के माध्यम से जागरूकता फैलाने का कार्य किया।
10. इस अभियान के अंतर्गत एक कदम नशा मुक्त समाज की ओर अभियान भी चलाया गया,
जिसमें युवाओं को नशे से दूर रहने एवं स्वस्थ जीवन शैली अपनाने हेतु
प्रेरित किया गया।
11. पूरे प्रदेश में आयोजित इस कार्यक्रम में लाखों लोगों ने प्रत्यक्ष एवं
डिजिटल माध्यम से सहभागिता दर्ज कराकर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया।
अभियान
में प्रमुख अधिकारियों की सहभागिता
इस
ऐतिहासिक अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, प्रति कुलपति
प्रो. मृदुल कुमार गुप्ता, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा,
वित्त अधिकारी रमेश चंद्र, डिप्टी रजिस्ट्रार
विकास कुमार, साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष
प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता, समन्वयक प्रोफेसर कृष्णकांत शर्मा, कार्यक्रम संयोजक डिप्टी रजिस्ट्रार सत्य प्रकाश, सह
संयोजक संदीप अग्रवाल, सह संयोजक इंजीनियर प्रवीण पवार,
सह संयोजक मितेंद्र कुमार गुप्ता, चीफ वार्डन
प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर बिंदु शर्मा, प्रोफेसर अलका तिवारी, इंजीनियर मनीष मिश्रा, इंजीनियर विकास कुमार त्यागी, इंजीनियर मनोज कुमार
सहित विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं प्रशासनिक
अधिकारी मौजूद रहे।
कुलपति
प्रो. संगीता शुक्ला का संदेश
इस
अभियान का उद्देश्य केवल एक विश्व कीर्तिमान बनाना नहीं था, बल्कि समाज को
शिक्षित, जागरूक एवं संवेदनशील बनाना था। यदि हम सभी एकजुट
होकर नशा और दहेज जैसी कुरीतियों को समाप्त करने का संकल्प लें, तो हम एक सशक्त, विकसित एवं समरस समाज की नींव रख
सकते हैं। पढ़ेगा भारत, तभी तो बढ़ेगा भारत। शिक्षा ही समाज को
प्रगति की ओर ले जाने का सबसे प्रभावी माध्यम है। आइए, इस
बदलाव का हिस्सा बनें और मिलकर एक बेहतर भविष्य का निर्माण करें।
अभियान
की ऐतिहासिक सफलता
इस
अभियान में लाखों लोगों की भागीदारी ने इसे केवल एक कार्यक्रम से बढ़कर एक जनांदोलन
बना दिया, जिससे शिक्षा,
सामाजिक सुधार एवं नैतिक मूल्यों को नए आयाम मिले। यह अभियान केवल
एक दिन की पहल नहीं, बल्कि समाज में दीर्घकालिक परिवर्तन
लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस अभियान की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि
शिक्षा, संकल्प और जनसहयोग का संगम हो, तो कोई भी सामाजिक बुराई समाप्त की जा सकती है।
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