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Sunday, February 16, 2025

लील लिया एक बार फिर आरक्षण ने


नित्य संदेश। आरक्षण देश के लिए घातक है। यह ऐसी बीमारी है कि प्रतिवर्ष देश के किसी न किसी होनहार, प्रतिभावान छात्र-छात्राओं की जान ले रहा है। 

एक मेधावी बिटिया अदिति मिश्रा जो JEE mains में 90% अंक लाई थी। लेकिन कट ऑफ 92% का था। इतने नम्बर लाकर भी सिलेक्शन (चयन) न होने की आस खो चुकी बच्ची ने इतना घातक कदम उठाया कि स्वयं के माता-पिता, भाई, रिश्तेदार को असहनीय पीड़ा देने के साथ-साथ पूरे समाज को ही रुला दिया, और देश के लिए एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया। 
वास्तव में, आरक्षण देश की प्रतिभाओं को लील रहा है। यह दर्दनाक दंश बन गया है। सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाना चाहिए और देश में शिक्षा नीति में विशेष परिस्थितियों के अतिरिक्त समान अंक प्रणाली की व्यवस्था लागू करना चाहिए। देश में कितने ही युवा जो देश का भविष्य है, प्रतिवर्ष आरक्षण की भेंट चढ़ रहे है। देश का दंश आरक्षण है। मैं तो कहूंगी जो लोग लोभवश इसे खत्म नहीं करने देना चाहते वे ही ऐसी परिस्थितियों के कारक हैं और ऐसे प्रज्ञावान छात्र, छात्राओं के हत्यारें है। आरक्षण की बेसाखी पर चलने वालों के कारण हमारा देश कौशल क्षेत्र में भी विपदा झेल रहा है। सुविधा संपन्न माता-पिता तो अपने बच्चों को पेमेंट शीट और अन्य देशों में उच्च शिक्षा के लिए भेज देते है लेकिन मध्यम वर्गीय और सामान्य व्यक्ति ऐसा नहीं कर पाते। जिससे उनके बच्चे चाहे होशियार हो पर अवसाद, पीड़ा से घिर जाते है और खुद को मजबूर, लाचर हो जाते है और मनः स्थिति न संभाल पाने के कारण ऐसे आत्मघाती रास्ते पर बढ़ जाते है। 
मेरा मानना है कि राजनेता तो वोट पाने के लिए आरक्षण देने के प्रलोभन दे देते है पर, याद रखिए जब तक देश में समान शिक्षा, समान अंक प्रणाली और समान प्रतिभा प्रोत्साहन नहीं मिलेगा तब तक देश का भविष्य विकलांग ही तैयार होगा। 

सरकार को जरूरत है इस दिशा में न्याय संगत फैसले लेने की और देश के विपक्ष को भी इसमें सत्ता का साथ देना चाहिए। जो-जो आरक्षण खत्म करने में अवरोधक हो वे गलत निर्णय ले रहे है। यहां जनता को भी समझना चाहिए कि वे ऐसे नेताओं को वोट ही न करें। इस दिशा में सभी को एक स्वर में आवाज उठाना ही चाहिए। आखिर यह आरक्षण जीवन, मृत्यु का कारण बन रहा है। कब तक आखिर हम सब ऐसी घटनाएं देखें, मन बहुत दुखी होता है। कृपया सभी साथ आए, देश से आरक्षण हटाए। 

फिलहाल तो हे ईश्वर! अदिति को अपने श्री चरणों में स्थान दें और माता-पिता को अपार दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

लेखिका 
सपना सी.पी. साहू
इंदौर, मध्य प्रदेश 

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