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Thursday, August 22, 2024

मैक्स हॉस्पिटल वैशाली ने रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के बारे में लोगों को किया जागरूक



नित्य संदेश, ब्यूरो 
मेरठ: मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल वैशाली (गाजियाबाद) ने रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के बढ़ते प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक किया. परंपरागत जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी ज्यादा सुरक्षित और सटीक है जिससे मरीजों के लिए अच्छे रिजल्ट आते हैं और उनकी रिकवरी तेजी से होती है.

रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में एडवांस रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है और इससे डॉक्टरों को जटिल मामलों में सटीक सर्जरी करने में मदद मिलती है. इस तरह की सर्जरी में एक्यूरेसी के साथ ही ब्लड लॉस भी कम होता है. साथ ही इसमें नेचुलर हड्डियां संरक्षित रहती हैं और जोड़ों को संतुलन बेहतर रहता है. जागरूकता सत्र के जरिए लोगों को इस तरह की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी देना है. इस तरह की तकनीक से ऑर्थोपेडिक सर्जरी के क्षेत्र में क्रांति आ गई है, खासकर टोटल नी-रिप्लेसमेंट, पार्शियल नी-रिप्लेसमेंट और टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में ये काफी कारगर है.

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल वैशाली में ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर अखिलेश यादव ने इस सत्र को संबोधित किया. डॉक्टर अखिलेश ने अपने संबोधन में मिनिमली इनवेसिव तकनीक, कंप्यूटर नेविगेशन और रोबोटिक असिस्टेड नी-रिप्लेसमेंट जैसी लेटेस्ट तकनीक के बारे में जानकारी दी. जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के क्षेत्र में रोबोटिक तकनीक के शानदार प्रभाव के बारे में मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल वैशाली में ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर अखिलेश यादव ने बताया, ''रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी जोड़ों की परेशानी से पीड़ित मरीजों के लिए गेम-चेंजर है. रोबोट असिस्टेड सर्जरी के जरिए हम अपने मरीजों को एक सुरक्षित और अधिक प्रभावी इलाज देने में सक्षम हैं जिससे उनके जीवन में सुधार आता है. मिनिमली इनवेसिव तकनीकों ने टिशू डैमेज को कम करते हुए जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में क्रांति ला दी है. इसमें मरीज को दर्द कम होता है और रिकवरी तेजी से होती है. रोबोट की मदद से की जाने वाली सर्जरी में सटीकता और एक्यूरेसी होती है जिससे मरीजों के लिए बेहतर परिणाम आते हैं, किसी कॉम्प्लिकेशन और इंफेक्शन का रिस्क कम रहता है.''

डॉक्टर अखिलेश यादव ने आगे बताया कि रोबोट असिस्टेड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में मरीज की स्किन पर दाग कम आते हैं, अस्पताल में कम वक्त भर्ती रहना पड़ता है जिसके चलते मरीज तेजी से अपने रूटीन में लौट आते हैं. कंप्यूटर असिस्टेड सर्जरी से जॉइंट रिप्लेसमेंट में शानदार सटीकता आती है, इम्प्लांट एक्यूरेट होता है और जॉइंट फंक्शन में सुधार आता है.


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