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Saturday, August 17, 2024

बलि और वामन भगवान की अद्भुत कथा का वर्णन किया

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। हरिवंशपुराण की कथा के सातवें दिन कथाव्यास डा.पूनम लखनपाल ने बलि और वामन भगवान की अद्भुत कथा का वर्णन किया।

शिव भगवान द्वारा दक्ष यज्ञ का विध्वंस व विष्णु भगवान का आलिंगन द्वारा शिवजी को विध्वंस से रोकना व शिवजी का नीलकंठ हो जाना। भगवान वराह द्वारा पृथ्वी का उद्धार करना आदि कथाओं को सुनाया। सांसारिक दलदल से पार उतरने के लिये हमें भी ईश्वर की शरण में जाना चाहिये। तत्पश्चात् चारों वेदों, प्रजापतियों, सनत्कुमारों और इन्द्र व समस्त सृष्टि आदि की उत्पत्ति की कथा हुयी। देवताओं द्वारा तीनों लोकों आधिपत्य व हिरण्याक्ष द्वारा देवताओं पर आक्रमण का वर्णन हुआ। युद्ध में स्तम्भन का अर्थ है पैरालिटिक अटैक होना। हिरण्यकशिपु द्वारा ब्रह्मा से वरदान प्राप्त करना व देवताओं को भगवान विष्णु से अभयदान प्राप्त होना, नृसिंह अवतार द्वारा हिरण्यकशिपु का वध, दानवों व देवताओं का युद्ध और दैत्यसेना का पराजित होना तथा युद्ध में भी यज्ञ के स्वरूप को बताया गया है। बलि और इन्द्र का युद्ध होना व वामन अवतार द्वारा बलि को पराजित करना, बलि द्वारा विष्णु भगवान की स्तुति व तुष्टि के वरदान प्राप्त करने आदि प्रसंगो का उल्लेख किया गया।

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