मेरठ। प्राथमिक विद्यालय पदमपुरा के कमरे जर्जर होने और कमरों में ताला बंद करने पर बेसिक शिक्षा सचिव लखनऊ, जिलाधिकारी, बीएसए ,खण्ड शिक्षा अधिकारी मेरठ से जवाब तलब किया गया है।
गौरतलब है कि प्राथमिक विद्यालय पदमपुरा मेरठ में 6 कमरों में से चार कमरों में ताला बंद किए जाने, बच्चों के निपुण न होने, स्कूल की शिक्षा व्यवस्था खराब होने व मिड डे मील का वितरण न होने के आरोप में प्रधानाध्यापक फोजिया रहमान को बीएसए मेरठ के द्वारा किए गए निलंबन आदेश व अन्य स्कूलों में संबंध किए जाने के आदेश को याची ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
याची की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने न्यायमूर्ति प्रकाश पाड़िया के समक्ष बहस में बताया कि याची पिछले कई सालों से प्रधानाचार्य के रूप में प्राथमिक विद्यालय पदमपुर नगर क्षेत्र मेरठ में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही है। समय-समय पर निरीक्षण पंजिका रजिस्टर में भी संतोषजनक व अच्छा होने की पुष्टि अधिकारियो के द्वारा की गई है। खंड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र मेरठ ने अपने निरीक्षण में बच्चों की उपस्थिति पूरी न होने व शिक्षा का स्तर खराब होना, शिक्षक डायरी न भरा जाना, छात्रों के नामांकन में लापरवाही, शिक्षण कार्य में विद्यालय का स्तर सही न होना व बच्चो के निपुण न होने का आरोप लगाते हुए याची के विरुद्ध निलंबन आदेश पारित कर अन्य विद्यालय कासमपुर में दिनांक 20-2-24 को संबंध कर दिया गया, जबकि याची अभी अपने मूल विद्यालय पदमपुरा में अपना दायित्व का निरवहन कर रही है और शासनादेश के अनुसार याची को मूल विद्यालय से अन्यत्र कहीं सम्बद्ध नहीं किया जा सकता है।
याची ने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्वयं के पैसे से स्कूल के दरवाजे, दीवारों, नल पानी, फर्नीचर आदि की व्यवस्था कराई है, इसके बावजूद गलत आरोप लगाकर यांची को निलंबन किया गया। याची ने पूर्व में अपने अधिकारियों को भी अवगत कराया था कि मिड डे मील की क्वालिटी खराब होने के कारण कुछ बच्चे खाना नही खाते, लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नही हुई। 1 से कक्षा 5 तक के बच्चो को मात्र 2 कमरो में बैठा कर पढ़ाने की जिमेदारी दी गई, जबकि 4 कमरे 2017 से जर्जर होने के कारण बी एस ए ने कमरो में ताला बंद करा दिया। इस कारण एक बच्चे के माता पिता ने अपना नाम भी विद्यालय से कटवा लिया।
याची ने अपने अधिवक्ता के द्वारा बीएसए को ऑनलाइन शिकायत किए जाने पर बीएसए ने स्वयं यह माना है कि स्कूल में कुल 6 कमरों में चार कमरे जर्जर हैं, जिसमें शासन के निर्देश पर ताला बंद किया गया है। मात्र दो कमरों में 2017 से एक से कक्षा 5 तक के बच्चों का पढ़ाई का कार्य जारी है और स्कूल की ऐसी अव्यवस्था का आरोप याची पर लगाकर निलंबन व अन्य विद्यालय से सम्बद कर दिया, जिस पर न्यायालय ने इस मामले को गंभीर मानते हुए जिलाधिकारी, बीएसए व खंड शिक्षा अधिकारी एवं सचिव बेसिक शिक्षा लखनऊ से 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। और कहा है कि शासनादेश के अनुसार याची को अपने मूल विद्यालय पदमपुरा से अन्यत्र ट्रांसफर करना कानून की नजर में गलत है और याची के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही को जल्द नियमानुसार पूरा करने व याची को जांच में सहयोग करने का आदेश देते हुए 4 सप्ताह में जबाब तलब किया है।
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