-लाशें मिली....कातिल मिले, लेकिन नहीं मिल रहा इंसाफ, दशकों से मनाया जा रहा मौत पर मातम
खालिद इकबाल
नित्य संदेश, जानीखुर्द। क्षेत्र के कस्बा सिवालखास में हुई तीन बच्चों की हत्या कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी घर के बाहर खेल रहे मासूमों को मौत के घाट उतार दिया, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वर्षों से साल दर साल लगातार अंजाम दी गई इन घटनाओं में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई। हर घटना के बाद पुलिस के अधिकारी कड़ी कार्रवाई का दावा करते हैं, मगर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। जिसका फायदा उठाकर कातिल साल दर साल कत्ल करते आ रहे हैं। हालांकि पुलिस इन तीन बच्चों की मौत का कारण गड्ढे में डूबना बता रही है, लेकिन परिजन इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है।
सवाल उठता है कि मासूमों के लापता होने के बाद लाश मिलने का सिलसिला रुकता क्यों नहीं? सोमवार को पीड़ित के घर लगे लोगों के हुजूम में सबकी जुबान पर सिर्फ एक ही जिक्र था कि आखिर कब तक इन मासूमों का कत्ल होता रहेगा? अब से करीब चार दशक पहले हुई एक सात साल के बालक की हत्या के बाद लगातार यह सिलसिला चल रहा है। बीते कुछ वर्षों में तो हालात यह बन गए कि साल बीतता नहीं और मासूमों का कत्ल कर दिया गया। पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो कस्बा सिवालखास में कुछ समय पूर्व बालक का शव धान के खेत में पड़ा मिला था तो उसके बाद एक और मासूम की कुकर्म के बाद हत्या कर दी गयी। कातिलों ने हत्या के बाद बालक के शव को पूरी तरह जला दिया था और कंकाल भी गंगनहर पर पड़ा मिला। इतना ही नहीं खानपुर मार्ग पर एक नाबालिग का शव मिला तो उसकी गर्दन उतार दी गई थी।
आस्तीन के सांप निकले कातिल
अगर अब तक हुई हत्याओं पर नजर डाले तो कई मामलों में ऐसे लोग भी कातिल की शक्ल में सामने आए, जिन्होंने अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए मासूमियत का गला घोंट दिया। हमदर्दी के आंचल में रहने वाले लोग ही आस्तीन के सांप निकले, जिन्होंने रिश्तों को नजर अंदाज करते हुए कत्ल की कहानी लिखी, लेकिन अब हुई तीन मासूमों की मौत पर ग्रामीणों में आक्रोश है।
कत्ल रोकने की पुलिस के पास नहीं कोई योजना
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कस्बे में इन कत्लों को रोकने की कोई मजबूत कवायद पुलिस के द्वारा आज तक नहीं की गयी। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाए कि हर घटना के बाद आश्वासन तो मिलता है, मगर कोई नतीजा सामने नहीं आता। अब देखना यह है कि पुलिस इस घटना को हत्या मानकर मामले का खुलासा करेगी या पीड़ितों के आरोपों को दरकिनार कर इस बात पर आमादा रहेगी कि बच्चों की मौत डूबने से हुई है?
हत्या के बाद फेंके गए शव
परिजनों का कहना था कि मासूमों की हत्या की गई है और शव प्लॉट में फेंक दिए गए। सूचना मिलते ही सीओ सरधना, एसपी देहात मय फोर्स मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी जुटाई। काफी देर तक पुलिस और परिजनों की हुई जद्दोजेहद के बाद चेयरपर्सन पति गुलजार चौहान एवं थाना प्रभारी निरीक्षक महेश राठौर द्वारा परिजनों को समझाया गया।
थानाध्यक्ष ने दिया आश्वासन
परिजनों का कहना था कि आज से पहले भी कस्बे के कई मासूम मौत के घाट उतार दिए गए, लेकिन कोई कड़ी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई, जिसका नतीजा यह है कि तीन बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी। थानाध्यक्ष ने पीड़ित परिजनों को मामले के खुलासे और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
फोरेंसिक टीम ने किया मौका मुआयना
तीन बच्चों की मौत के बाद फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंची और जांच की। इस दौरान लोगों ने टीम का विरोध भी किया।
महिलाओं ने किया हंगामा
पीड़ित परिवार की महिलाओं ने भी सिवाल चौकी पर जमकर हंगामा किया और हत्या का आरोप लगाते हुए मामले के खुलासे की मांग की। पुलिस ने काफी समझाया, लेकिन महिलाएं मानने के लिए तैयार नहीं हुई।
थाना जानी क्षेत्रान्तर्गत तीन बच्चे घर के बाहर खेलते गुम होने की शिकायत प्राप्त होने पर क्षेत्राधिकारी सरधना और तीन थानों की पुलिस द्वारा खोजा गया। जिनके घर से कुछ दूरी पर शव मिले, जो डूबने से मृत्यु होने की संभावना है। पैनल से पीएम करवा आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा कई पहलुओं पर पुलिस जांच कर रही है।
राकेश कुमार मिश्रा, एसपी देहात
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