Saturday, August 2, 2025

बारिश के बहाने बच्चों ने रची कविताएं, दिखाई पर्यावरणीय संवेदना


नित्य संदेश ब्यूरो 
सरधना। बारिश सिर्फ मौसम का बदलाव नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ने और महसूस करने का अवसर है। यह शिक्षा को किताबों की सीमाओं से बाहर लाकर जीवन के वास्तविक अनुभवों से जोड़ने का माध्यम भी बन सकता है। जब आसमान से झमाझम बारिश की बूंदें गिरने लगीं, तब पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षक डॉ. आरसी पांडेय ने इस स्वाभाविक अवसर का उपयोग बच्चों की संवेदनशीलता और रचनात्मकता को विकसित करने के लिए किया।

शिक्षक आरसी पांडेय ने कक्षा 7वीं के छात्रों को पानी आया, पानी आया विषय पर कविता रचने के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने खुले बरामदे से बारिश का प्रत्यक्ष अवलोकन कर अपने अनुभवों को कविता के रूप में अभिव्यक्त किया। प्राची ने लिखा "पानी आया, पानी आया, हरियाली से जग को हर्षाया। लवी नागर ने जोड़ा "मोरों ने भी नाच दिखाया"। यशी की पंक्ति थी "इंद्रधनुष ने जाल बिछाया"। सूर्यवंशी ने लिखा "पंख फैलाकर कैसे गाया"। विद्यालय के प्राचार्य डॉ. महेश कुमार ने कहा कि इस प्रकार की शिक्षण पद्धति से बच्चों में पर्यावरणीय चेतना और अनुभव आधारित अधिगम का विकास होता है। कार्यक्रम में विज्ञान शिक्षिका पंकज दीक्षित, मराठी शिक्षक दीपक बाबूराव तथा शारीरिक शिक्षक मुकुल सिंह सहित अन्य शिक्षकों ने भी बच्चों को उत्साहित कर उनकी रचनात्मकता की प्रशंसा की।

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