Thursday, August 7, 2025

राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति को मिला दूरदर्शी नेतृत्व पुरस्कार



पैनल चर्चा में उच्च शिक्षा के भविष्य पर रखे विचार

अनम शेरवानी 
नित्य संदेश, नई दिल्ली। तिलक राज स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में देशभर से आए शिक्षाविदों, नीति निर्धारकों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति प्रोफेसर प्रमोद कुमार शर्मा को उच्च शिक्षा में दूरदर्शी नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

यह सम्मान उन्हें उच्च शिक्षा में उनके अद्वितीय योगदान, नवाचारों को प्रोत्साहन तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली के निर्माण हेतु दिए गए योगदान के लिए प्रदान किया गया। सम्मेलन में आयोजित पैनल चर्चा के दौरान प्रो. शर्मा ने 21वीं सदी के कौशलों को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा की दिशा और दशा पर अपने गंभीर और दूरदर्शी विचार प्रस्तुत किए।

उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा प्रणाली को इस तरह से ढालने की आवश्यकता है, जिससे स्नातक बनने वाला हर विद्यार्थी आलोचनात्मक सोच, संचार कौशल, डिजिटल साक्षरता और समस्या समाधान जैसी क्षमताओं से सुसज्जित हो। यही कौशल उन्हें भविष्य की अनिश्चितताओं से जूझने में सक्षम बनाएंगे।

प्रो. शर्मा ने अपने संबोधन में सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों और राष्ट्र हित में किए जा रहे प्रयासों का भी विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि शोध, सामाजिक सेवा और नैतिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय में छात्रों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप तैयार किया जा रहा है, ताकि वे न केवल एक अच्छे पेशेवर बनें, बल्कि जिम्मेदार नागरिक भी बनें। सम्मेलन में देशभर से आए शिक्षाविदों ने प्रो. प्रमोद कुमार शर्मा के विचारों की सराहना की और उन्हें शिक्षा क्षेत्र में प्रेरणास्रोत बताया।

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