-आरोपी बोला, चाचा ने मेरी हत्या के लिए दे रखी थी 10 लाख की सुपारी
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चाचा ने हमारी 25 गज जमीन का हिस्सा हड़प
रखा था। आए दिन हमारे घर में झगड़े होते, आपस में लड़ाई होती थी। उसने मेरी हत्या कराने के लिए 10 लाख रुपए की सुपारी दे
रखी थी। मेरे पीछे लड़के लगा रखे थे। ये बात मुझे पता चल चुकी थी। इससे पहले वो
मेरी हत्या कराता, मैंने उसे मार दिया।
मुझे अपने चाचा की हत्या करने का कोई पछतावा नहीं है। मैं अगर उसे नहीं मारता, तो वह मुझे मरवा देता।
यह कबूलनामा है चाचा की हत्या करने वाले सुबहान का। शनिवार को सुबहान ने अपने
सगे चाचा असलम की कनपटी में गोली मारकर हत्या कर दी थी। फिर
लोगों में दहशत पैदा करने के लिए 7 राउंड फायर किए। इस हत्याकांड में उसका साथ उसी के एक दोस्त शादान ने दिया।
हत्याकांड के 6 घंटे बाद पुलिस ने
दोनों आरोपियों को एनकाउंटर में गोली मारकर अरेस्ट कर लिया। पुलिस के सामने सुबहान
ने कहा, प्रॉपर्टी को लेकर घर में आए दिन झगड़ा होता था। चाचा मेरा हिस्सा छोड़
नहीं रहा था। कई बार उससे कहा था। मगर, उसने मुझे लड़कों से
पिटवाया। उसने मेरे पीछे लड़के लगा दिए। जब मुझे यह पता चला, तभी मैंने उसकी हत्या
की प्लानिंग कर ली थी। मैं इस काम को अकेले नहीं कर सकता था। इसलिए मैंने अपने दोस्त शादान को अपने
साथ ले लिया। मैंने उससे पहले ही कह दिया था कि तुझे कुछ नहीं करना है, बस बाइक चलानी है। गोली
मैं चलाऊंगा। मैं ही मारूंगा। तू बस मुझे वहां तक ले चलना। इसके बाद हम भाग
जाएंगे।
भतीजे को चाचा की
थी पूरी जानकारी
मुझे चाचा का टाइम पहले से पता था कि वो घर से अकेले किस टाइम जाते हैं। सुबह
बच्चों को छोड़ने के बाद लगभग 7.30 बजे चाचा रोज अकेले ही पैदल घर लौटते थे। इसलिए हमने तय किया कि इस समय गोली
मारना आसान रहेगा। उसी समय को तय किया और पीछे से जाकर सिर में गोली मार दी। खुद
को बचाते हुए गलियों से भागा। मैंने पिस्टल से छह फायर किए, जबकि मेरे दोस्त शादान ने तमंचे से एक फायर किया। दहशत फैलाने के लिए 7 राउंड फायरिंग की।
पैतृक संपत्ति को लेकर लंबे समय से चल रहा था झगड़ा
असलम के माता-पिता की मौत हो चुकी है। परिवार में पिता की पैतृक संपत्ति काफी
है। भाइयों में इसी पैतृक संपत्ति को लेकर लंबे समय से झगड़ा चल रहा है। आए दिन
भाइयों में इसी जमीन, मकान को लेकर झगड़ा रहता
है। 8 भाइयों में नौशाद, दिलशाद, इरशाद, असलम, शाहआलम, मुस्तफा, शहंशाह और बिलाल हैं। सुबहान ने कहा, मेरा सगा चाचा असलम एक रेस्टोरेंट चलाता था। वह प्रॉपर्टी डीलिंग और
ब्याज पर पैसे भी देता था। मैं अपने पिता दिलशाद का इकलौता बेटा हूं।
असलम के पास थापरनगर
में बड़ी कोठी
सुबहान ने बताया, चाचा असलम की थापर नगर के सोतीगंज में हाजी गल्ला के मकान के
पास एक बड़ी कोठी है। 4 मकान लिसाड़ीगेट में हैं। इसके अलावा परिवार की 200 गज का एक पैतृक मकान
है। इस मकान के असलम के पिता यानी हमारे दादा ने 100-100 गज के दो हिस्से किए
थे। इसमें एक मकान का बैनामा नहीं हुआ था। तब असलम ने अपने पिता
से आगे की 30 गज की जमीन लेकर पूरे 100 गज के मकान का बैनामा
करा दिया। इसके बाद मकान में 25 गज की जमीन दूसरे भाई शहंशाह के पास थी। शहंशाह ने अपनी 25 गज जमीन भी असलम को
बेच दी थी।
क्या शहंशाह ने ही
हत्या के लिए पुत्र को उकसाया?
शहंशाह के पास अपनी जो निजी जमीन थी, वो उसे बेचकर खर्च कर चुका था। तभी से शहंशाह भाई असलम से रंजिश रखने लगा। इसी
के चलते शहंशाह ने असलम पर डेढ़ साल पहले गोली चलवाई और हमला कराया था। असलम पर गोली चलवाने के
बाद से शहंशाह फरार है। सुबहान के कबूलनामे के बाद अब पुलिस ये भी मान रही कि
शहंशाह ने ही सुबहान को असलम की हत्या के लिए उकसाया है। आठों भाइयों में सबसे
ज्यादा प्रॉपर्टी-घर असलम ने ही बना ली थी, इसलिए दूसरे भाई उससे रंजिश रखने लगे थे।
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