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Wednesday, July 2, 2025

सम्राट अशोक के काल में स्तंभ लेख का प्रयोग ज्ञान संप्रेषण के लिए किया गया

 


नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। शहीद मंगल पाण्डे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय माधवपुरम एवं न्यूक्लियस ऑफ़ लर्निंग एंड डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वाधान में गूगल मीट के माध्यम से भारतीय ज्ञान प्रणालियाँ: मार्ग और प्रक्षेप पथ विषयक दस दिवसीय सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। सप्त दिवस को विशेषज्ञ वक्ता के रूप में डॉ. भक्ति गाला के द्वारा अपना विश्लेषण प्रस्तुत किया गया


कार्यक्रम की शुरुआत में न्यूक्लियस ऑफ़ लर्निंग एंड डेवलपमेंट संस्थान की ओर से डॉ. निधि सेनदुर्निकर एवं डॉ. विकास राजपूत ने कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा, उद्देश्य व लक्ष्य समस्त के साथ साझा कि। कार्यक्रम संयोजक प्रो. लता कुमार ने मुख्य वक्ता, आयोजन से जुड़े सभी अधिकारियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। मुख्य वक्ता डॉ. भक्ति गला के द्वारा अपने गहन और प्रभावशाली व्याख्यान में भारतीय ज्ञान प्रणाली की ऐतिहासिक विरासत, संरचना और संरक्षण पर विस्तृत जानकारी दी गई उन्होंने बताया कि ऐसे बहुमूल्य संसाधन सिंधु नदी, फारस की खाड़ी और हिंद महासागर के तटीय क्षेत्रों में भी पाए गए हैं, साथ ही मेसोपोटामिया सभ्यता में भी इनके प्रमाण मिलते हैं। उन्होंने बताया कि सम्राट अशोक के काल में स्तंभ लेख का प्रयोग ज्ञान संप्रेषण हेतु किया गया। 


कार्यक्रम के अंत में प्रोफेसर मंजू रानी ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और वक्ता को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ऐसा व्याख्यान विद्यार्थियों में शोध भावना जागृत करता है और उन्हें भारत की महान विरासत से जोड़े रखता है।

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