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Saturday, July 26, 2025

नई उम्मीदों के साथ आईवीएफ में सफलता अब मुमकिन



नित्य संदेश ब्यूरो 
नई दिल्ली। इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक ने आज लाखों नि:संतान दंपतियों को संतान सुख प्रदान करने का सपना साकार किया है। 

भारत में हर 6 में से 1 दंपति को संतान प्राप्ति में कठिनाई होती है। ऐसे में IVF तकनीक अत्यंत प्रभावी साबित हो रही है। इस प्रक्रिया में महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को प्रयोगशाला में निषेचित कर भ्रूण तैयार किया जाता है, जिसे बाद में महिला के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है।

हाल ही में देश के कई प्रतिष्ठित आईवीएफ क्लीनिकों में सफलता दर 60-70% तक पहुंची है, जो इस तकनीक में लगातार हो रहे सुधार का प्रमाण है। विशेषज्ञों ने समाज से IVF से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने की अपील की है। IVF सिर्फ एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि माता-पिता बनने की उम्मीद का दूसरा नाम है।

आज की तेज़-तर्रार जीवनशैली, तनाव, खानपान और उम्र बढ़ने जैसे कई कारणों से महिलाएं समय पर गर्भधारण नहीं कर पातीं। ऐसे में IVF तकनीक उनके लिए एक बेहतरीन विकल्प बनकर सामने आई है। यह तकनीक न केवल शारीरिक बल्कि भावनात्मक रूप से भी दंपतियों के जीवन में नई ऊर्जा भर देती है।

IVF के ज़रिये अब 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं भी मां बनने का सपना पूरा कर रही हैं। साथ ही, यह तकनीक थैलेसीमिया, पीसीओडी, एंडोमेट्रियोसिस और अन्य प्रजनन संबंधित समस्याओं में भी लाभकारी सिद्ध हुई है। IVF की प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है।

डॉ. पूनीत राणा अरोड़ा, IVF विशेषज्ञ (CIFAR),गुरुग्राम का कहना है कि सही समय पर जांच और उपचार शुरू करने से सफलता की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, जागरूकता भी बेहद ज़रूरी है, ताकि लोग बिना झिझक IVF जैसी तकनीकों का सहारा ले सकें। सरकार और स्वास्थ्य संगठनों द्वारा भी अब IVF जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

IVF आज के समय की एक सशक्त चिकित्सा विधि है, जो नि:संतानता को मात देकर माता-पिता बनने का सपना साकार करती है। महिलाएं अब करियर के साथ-साथ परिवार की भी योजना IVF के माध्यम से आसानी से कर पा रही हैं। यह तकनीक न केवल संतानहीनता का समाधान है, बल्कि यह आत्मविश्वास और मानसिक शांति भी देती है।

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