नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। इंडियन एक्सप्रेस समूह और स्क्रीन ने एक अग्रणी
गैर-लाभकारी पहल, स्क्रीन अकैडमी जो भारतीय सिनेमा के उभरती
प्रतिभाओं की मदद करेगी और उन्हें अपनी कृतियों का प्रदर्शन करने का मौका देगी।
कान और ऑस्कर विजेता, गुनीत मोंगा, पायल कपाड़िया और
रेसुल पूकुट्टी, और अनुभवी पटकथा लेखक, अंजुम राजाबली सहित विभिन्न किस्म के सदस्यों की
रोमांचक और तेज़ी से बढ़ती सूची के साथ, यह अकैडमी भारत के
शीर्ष फिल्म संस्थानों के साथ मिलकर, शिक्षा, प्रतिनिधित्व और
मान्यता के ज़रिये फिल्म निर्माताओं की अगली पीढ़ी की पहचान करेगी और उन्हें मदद
करेगी।
लोढ़ा फाउंडेशन के
संस्थापक संरक्षक, अभिषेक लोढ़ा के उदार सहयोग से स्थापित, स्क्रीन अकैडमी अपने
फिल्म संस्थानों द्वारा नामांकित उन छात्रों को सालाना स्नातकोत्तर फेलोशिप प्रदान
करेगी, जिनमें असाधारण कहानी कहने की क्षमता है, लेकिन औपचारिक फिल्म
शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी है। महाराष्ट्र के
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि समय और स्थान इससे अधिक प्रासंगिक नहीं हो
सकते। उन्होंने कहा, फिल्म उद्योग का मुंबई से अभिन्न रिश्ता है।
मुझे इंडियन एक्सप्रेस समूह की ओर से गैर-लाभकारी स्क्रीन अकैडमी की स्थापना के
बारे में जानकर बहुत खुशी हो रही है... मुझे विश्वास है कि भारतीय फिल्म उद्योग को
उन नई फिल्म निर्माण प्रतिभाओं से बहुत लाभ होगा जिन्हें यह अकैडमी मदद करना चाहती
है। इंडियन एक्सप्रेस समूह के कार्यकारी निदेशक, अनंत गोयनका की
अकैडमी के विचार को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा स्क्रीन अकैडमी
मनोरंजन और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्टता को संस्थागत रूप देने की दिशा में
एक साहसिक कदम है। हम एक ऐसा परितंत्र तैयार करेंगे जो न केवल उत्कृष्टता का पोषण
करे, बल्कि वित्तीय सहायता और पहुंच दोनों के साथ
विविध और होनहार प्रतिभाओं को सक्रिय रूप से मदद करे।
अभिषेक लोढ़ा के लिए, अकैडमी का काम भारत
की सॉफ्ट पावर (सांस्कृतिक शक्ति) और रचनात्मक कलाओं के लिहाज़ से वैश्विक स्तर पर
अग्रणी के रूप में देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। लोढ़ा फाउंडेशन 2047 तक भारत को एक
विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रगति में सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
फिल्में और रचनात्मक कलाएं हमारे राष्ट्र की एक प्रमुख शक्ति हैं और स्क्रीन
अकैडमी इस क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाएगी। लोढ़ा फाउंडेशन को इस महत्वाकांक्षी पहल में स्क्रीन अकैडमी के साथ
साझेदारी कर खुशी हो रही है।
शैक्षणिक उत्कृष्टता
और उद्योग एकीकरण
स्क्रीन अकैडमी
फेलोशिप 2025 प्रमुख संस्थानों, भारतीय फिल्म एवं
टेलीविज़न संस्थान (पुणे), सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविज़न संस्थान
(कोलकाता), और व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल (मुंबई) में
स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। अकैडमी के देश भर
में अपने विस्तार करने के साथ आगे चलकर और अधिक फ़िल्म स्कूलों को जोड़ने की योजना
है। स्क्रीन अकैडमी के फेलो को वित्त पोषण के अलावा उद्योग के दिग्गजों की ओर से
अभूतपूर्व मेंटरशिप कार्यक्रम का भी लाभ मिलेगा, जिसमें भारत के
शीर्ष स्टूडियो और सबसे सम्मानित फिल्म पेशेवर अकैडमी के सदस्य होंगे। ये उद्योग
के अग्रणी मास्टरक्लास, इंटर्नशिप और निरंतर व्यावसायिक मार्गदर्शन
प्रदान करेंगे।
भारतीय फिल्म एवं
टेलीविजन संस्थान के निदेशक, धीरज सिंह ने कहा फिल्म पत्रकारिता में स्क्रीन
बेहद सम्मानित नाम है। एफटीआईआई को इस बात की बहुत खुशी है कि एक सार्थक सहयोग का
मंच तैयार हो रहा है। मुझे यकीन है कि इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम से छात्रों और
उद्योग को बहुत लाभ होगा। सत्यजीत रे संस्थान के प्रभारी निदेशक समीरन दत्ता ने
कहा कि ये फेलोशिप उद्योग में मौजूद एक बड़ी कमी को पूरा करेंगी। ष्हमारे देश में प्रतिभाशाली
लोग केवल महानगरों और शहरी इलाकों में ही नहीं, बल्कि भारत के विविध
और दूर-दराज़ इलाकों में भी मौजूद हैं, जो बेहतरीन विचार और
शानदार कहानियां गढ़ रहे हैं। हमारे कुछ छात्रों को फिल्म शिक्षा के खर्च पर बातचीत
करने में कठिनाई होती है। स्क्रीन अकैडमी फेलोशिप बेहतरीन सिनेमा बनाने की उनकी
चाहत में मददगार साबित होगी।ष्
व्हिसलिंग वुड्स
इंटरनेशनल की अध्यक्ष, मेघना घई पुरी ने कहा व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल
में, हमारा मानना है कि अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा
जीवन में आमूल बदलाव ला सकती है। आईई स्क्रीन फाउंडेशन के साथ गठजोड़ में यह
छात्रवृत्ति सुनिश्चित करती है कि वित्तीय बाधाएं रचनात्मकता और महत्वाकांक्षा के
आड़े न आएं। यह साझेदारी साझा मूल्यों - उत्कृष्टता, समावेशिता और भविष्य
की फिल्म प्रतिभाओं को पोषित करने के प्रति गहरी प्रतिबद्धता - पर आधारित है।“ फेलो का चयन एक पैनल द्वारा किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता
अनुभवी पटकथा लेखक और फिल्मविद, अंजुम राजाबली करेंगे। यह बेहद उदार पहल युवाओं
को इस कला में औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक सहायता प्रदान
करती है, जिसके लिए फिल्म, टीवी और ओटीटी
क्षेत्र इस प्रतिभा समूह तक पहुंच पाने के लिए आभारी होंगे। ये छात्रवृत्तियां
यहां लेखन और फिल्म निर्माण की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करेंगी।
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