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Wednesday, July 16, 2025

स्किल इंडिया मिशन के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सप्ताह भर चलने वाले समारोह का शुभारंभ


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने स्किल इंडिया मिशन के 10 साल पूरे होने पर सप्ताह भर चलने वाले समारोह का शुभारंभ किया। 

इस यात्रा को कौशल का दशक बताते हुए उन्होंने मिशन के परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाया और भारत में फ्यूचर ऑफ स्किलिंग के लिए सरकार के रोडमैप की रूपरेखा प्रस्तुत की। एक दशक के दौरान, स्किलिंग, अप्रेंटिसशिप, एंटरप्रेन्योरशिप, ग्लोबल मोबिलिटी और ट्रेडिशनल ट्रेड में ठोस प्रयासों के माध्यम से एमएसडीई ने 6 करोड़ से अधिक भारतीयों को अपने और देश के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने के लिए सशक्त बनाया है। श्री चौधरी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि कैसे स्किल इंडिया मिशन ने भारत के युवाओं को देश और विदेश दोनों जगह परिवर्तन की एक शक्ति के रूप में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय कामगार अपनी कड़ी मेहनत और अनुशासन के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री ने इस छिपी हुई क्षमता को पहचाना और स्किल इंडिया मिशन के माध्यम से इसे राष्ट्रीय दिशा दी। आज यह नए भारत की एक सशक्त पहचान बन गई है उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे कौशल विकास, जो पहले विभिन्न मंत्रालयों में बंटा हुआ था, अब इसे एक समन्वित प्रयास के तहत एकीकृत किया गया है और यह सरकारी विभागों, प्राइवेट सेक्टर और सिविल सोसायटी को एक साथ लाया है उन्होंने आगे कहा कि हमने संमिलन, गुणवत्ता और पैमाने को सुनिश्चित करने के लिए सरकार और संपूर्ण समाज का दृष्टिकोण अपनाया है।
पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना जैसी योजनाओं ने 1.64 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया है, जबकि 14,500 से अधिक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को गुणवत्ता, शासन और संबद्धता मानदंडों में सुधार के माध्यम से समर्थन दिया गया है। श्री चैधरी ने विश्वास, सत्यापन और उद्योग की भागीदारी के माध्यम से रोजगार क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। मंत्री श्री जयन्त ने कहा जिस तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) शिक्षा क्षेत्र के लिए गेम चेंजर रही है, उसी तरह आगामी राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता नीति भी भारत के कार्यबल के लिए उतनी ही परिवर्तनकारी होगी। इंपैंडिंग स्किल पॉलिसी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे लोगों के स्किल, अपस्किल एंड रीस्किल के तरीके को फिर से परिभाषित करेगा जो उन्हें तेजी से डायनामिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने और नेतृत्व करने के लिए तैयार करेगा।  

उन्होंने कैबिनेट द्वारा स्वीकृत 60,000 करोड़ की आईटीआई सुधार योजना के बारे में भी बात की, जिसमें सीएसआर कॉन्ट्रिब्यूशन से 10,000 करोड़ शामिल होंगे। उन्होंने कहा, हम फंडिंग से आगे बढ़ना चाहते हैं दृ हम चाहते हैं कि उद्योग पाठ्यक्रम, प्रमाणन और प्रशिक्षण मानकों को आकार दे। इस तरह हम रोज़गार योग्य युवाओं का निर्माण करते हुए आईटीआई को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।

श्री चौधरी ने आईटीआई में मंत्रालय द्वारा किए गए साहसिक सुधार उपायों की भी विस्तृत जानकारी दी, जिनमें पिछले छह वर्षों में 4.5 लाख खाली सीटों की डी-एफिलिएशन समाप्त करना और 99,000 से अधिक अप्रयुक्त सीटों पर लिया गया एक्शन शामिल है। उन्होंने बताया, 2024 में हमारी आईटीआई प्रवेश दर में 11ः की वृद्धि हुई जो यह दर्शाता है कि युवाओं का सिस्टम में विश्वास लौट रहा है। हम केवल संख्या के लिए नहीं बल्कि गुणवत्ता के लिए प्रतिबद्ध हैं।

मंत्री ने 26 मई 2025 को आयोजित सेंट्रल अप्रेंटिसशिप काउंसिल (सीएसी) की 38वीं बैठक का भी उल्लेख किया, जिसमें नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (एनएपीएस) के कार्यान्वयन को और मजबूत एवं सरल बनाने के लिए प्रमुख सुधारों का प्रस्ताव रखा गया था। एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, स्टाइपेंड सपोर्ट को 36ः तक बढ़ाने, युवाओं के लिए अप्रेंटिसशिप के आकर्षण को बढ़ाने और अधिक से अधिक उद्योग भागीदारी को प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव शामिल है। उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) में अप्रेंटिसशिप सहभागिता में सुधार लाने के एक केंद्रित प्रयास के तहत, मंत्रालय ने एक विशेष पायलट योजना भी शुरू की है, जो क्षेत्र के भीतर या बाहर अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले एनईआर-निवासित उम्मीदवारों को प्रतिमाह अतिरिक्त 1,500 प्रदान करती है। ये उपाय रोजगार और कौशल विकास के मेनस्ट्रीम पाथवे के रूप में अप्रेंटिसशिप का विस्तार करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, जिसमें समावेशिता और क्षेत्रीय समानता पर विशेष जोर दिया गया है। 
 
उन्होंने इस मिशन का हिस्सा रहे प्रत्येक शिक्षार्थी, प्रशिक्षक और स्टेकहोल्डर्स को बधाई देते हुए कहा कि, ष्भारत के युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। जैसे-जैसे हम 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, यह उनका कौशल, साहस और इनोवेटिव है जो हमारे सामूहिक प्रयासों को आकार देगा।

आज से शुरू हुए इस सप्ताह भर चलने वाले उत्सव में हर राज्य के आईटीआई, स्किल सेन्टर्स और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यक्रम, वर्कशॉप और प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाएँगी। इस समारोह का समापन 22 जुलाई को भारत मंडपम, नई दिल्ली में श्भारत स्किलनेक्स्ट 2025श् कार्यक्रम के साथ होगा, जिसके दौरान प्रमुख कौशल पहल शुरू की जाएंगी, जिसमें स्कूली बच्चों के लिए एआई कौशल पर एक समर्पित कार्यक्रम भी शामिल है।


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