नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। रिजर्व पुलिस लाइन स्थित सभागार में एक दिवसीय
"फॉरेंसिक विज्ञान आधारित प्रशिक्षण शिविर" का आयोजन किया गया। इस
प्रशिक्षण का संचालन सौम्या अस्थाना (क्षेत्राधिकारी महिला
थाना) के पर्यवेक्षण में किया गया, जिसमें जनपद के सभी थानों से 137 निरीक्षक, उपनिरीक्षक, मुख्य आरक्षी एवं आरक्षीगण द्वारा प्रतिभाग किया।
इस विशेष अवसर पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला निवाड़ी (गाजियाबाद) से उपनिदेशक राजेन्द्र सिंह एवं फॉरेंसिक विशेषज्ञ अंशुल
कुमार, अवनीश कुमार, दीपक कुमार, सन्नी मालिक द्वारा आधुनिक अपराधों की वैज्ञानिक विवेचना के संबंध में प्रशिक्षण
प्रदान किया गया। प्रशिक्षण शिविर का मुख्य
उद्देश्य जनपद के पुलिस अधिकारियों को आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों से प्रशिक्षित कर
उनकी विवेचना क्षमता को और अधिक प्रभावशाली व न्यायसंगत बनाना था, जिससे अपराध की तह तक पहुँचना और सशक्त साक्ष्य के
आधार पर आरोपियों को न्यायालय में दोषसिद्ध करना सुनिश्चित किया जा सके।
प्रशिक्षण के दौरान आधा दर्जन से अधिक विषय के बारे में बताया गया।
डीएनए प्रोफाइलिंग: अपराधियों की पहचान
एवं पीड़ितों की पुष्टि के लिए।
टॉक्सिकोलॉजी: विष, कीटनाशक, औषधि एवं अल्कोहल विश्लेषण।
ड्रग एवं नारकोटिक सब्सटेंस की फॉरेंसिक जांच (एनडीपीएस एक्ट
संदर्भ में)
सेरोलॉजी: रक्त, वीर्य, लार एवं अन्य जैविक साक्ष्यों
का परीक्षण
फिंगरप्रिंट विश्लेषण: पहचान स्थापित करने हेतु
वैज्ञानिक विधियाँ
कंप्यूटर/डिजिटल फॉरेंसिक: साइबर अपराधों में तकनीकी
सहायता।
पुलिस फोटोग्राफी: अपराध स्थल की वैज्ञानिक
रिकॉर्डिंग की विधियाँ।
फॉरेंसिक एविडेंस का विवेचना में महत्व
एविडेंस संग्रहण एवं कोलिशन के समय बरती जाने वाली सावधानियाँ।
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