डॉक्टर अभिषेक डबास
नित्य संदेश, मेरठ। शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (मानित विश्वविद्यालय) के स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशनल साइंसेज़ एंड इंजीनियरिंग द्वारा "सिक्योर द सिस्टम: साइबर सुरक्षा कार्यशाला (काली लिनक्स)" शीर्षक से एक 15-दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को काली लिनक्स के माध्यम से साइबर सुरक्षा के व्यावहारिक पक्ष से परिचित कराना है।
कार्यक्रम की शुरुआत सहायक प्राध्यापक मिस निमरा मिर्ज़ा के द्वारा प्रतिभागियों के स्वागत एवं कार्यशाला की रूपरेखा से हुई। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में छात्र काली लिनक्स के बुनियादी कमांड्स, नेटवर्क स्कैनिंग, डिजिटल एविडेंस संग्रहण, फोरेंसिक टूल्स, तथा एक मिनी प्रोजेक्ट के माध्यम से रियल-टाइम साइबर सुरक्षा कौशल विकसित करेंगे। इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद त्यागी ने भी छात्रों को प्रेरक शब्दों के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा: "आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा न केवल आईटी का हिस्सा है, बल्कि यह हमारे जीवन की सुरक्षा से जुड़ा विषय बन चुका है। विद्यार्थियों को ऐसे कौशलों में निपुण होना समय की मांग है। यह कार्यशाला इसी दिशा में एक उत्कृष्ट कदम है।"
डॉ. विनोद त्यागी ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं और उन्हें तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशनल साइंसेज़ एंड इंजीनियरिंग की निदेशक प्रो. डॉ. निधि त्यागी ने विद्यार्थियों को संबोधित किया और उन्हें प्रेरित करते हुए कहा: "साइबर सुरक्षा सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि आज की सबसे ज़रूरी ज़िम्मेदारी बन चुकी है। इस कार्यशाला के माध्यम से आप सभी डिजिटल युग के रक्षक बन सकते हैं।" डॉ. त्यागी ने छात्रों को भविष्य में साइबर एक्सपर्ट बनने हेतु प्रोत्साहित किया और कहा कि शोभित विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को हर स्तर पर व्यावहारिक व तकनीकी दक्षता देने हेतु प्रयासरत है।
कार्यशाला के पहले दिन छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अत्यधिक उत्साह के साथ सत्र में हिस्सा लिया। ऑनलाइन मोड में आयोजित इस कार्यशाला में छात्रों ने काली लिनक्स के टर्मिनल को लाइव डेमो के साथ सीखा। डॉ. निधि त्यागी, मिस निमरा मिर्ज़ा, और विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकों ने छात्रों की सहभागिता की सराहना की और कहा कि इस तरह के प्रयास छात्रों को रोज़गारोन्मुख, सशक्त और तकनीकी रूप से सक्षम बनाते हैं।
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