नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए. भारत की ओर से पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक किया गया, भारत की इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है.ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सेना की ओर से जो प्रेस ब्रीफिंग दी गई, उसमें दो महिला अधिकारी शामिल रही. इसमें एक का नाम सोफिया कुरैशी है, तो दूसरे का नाम व्योमिका सिंह. सोफिया कुरैशी इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, वहीं व्योमिका सिंह इंडियन एयरफोर्स में विंग कमांडर. आइए आपको सोफिया कुरैशी के बारे में बताते हैं.
भारत की बहादुर बेटियां आज सिर्फ सीमाओं की रखवाली नहीं कर रहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी देश की आवाज बन रही हैं. ऑपरेशन सिंदूर के तहत जब दुनिया भर के मीडिया को जानकारी देने का समय आया, तो भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को इस जिम्मेदारी के लिए चुना गया. उनके साथ विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी इस अहम प्रेस ब्रीफिंग में शामिल हुए. यह पल भारत की रक्षा सेवाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक बन गया.
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में एक ऐसा नाम हैं, जो जज्बे, मेहनत और लीडरशिप की मिसाल बन चुकी हैं. वे उस समय चर्चा में आई थीं जब उन्हें एक्सरसाइज फोर्स 18 के तहत 18 देशों की मल्टीनेशनल आर्मी ड्रिल में भारत की तरफ से कमान संभालने का मौका मिला. उस समय वो अकेली महिला थीं जो किसी भी देश की आर्मी टुकड़ी की कमांड कर रही थीं. उन्होंने 40 सैनिकों की भारतीय टीम का नेतृत्व किया. गुजरात की रहने वाली सोफिया ने बायोकैमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है, जिससे उनकी पढ़ाई और सेना के प्रशिक्षण का बेहतरीन तालमेल दिखता है. वो सिग्नल कोर से हैं, जो सेना के कम्युनिकेशन और सूचना प्रणाली की जिम्मेदारी संभालती है.
शांति मिशनों में अहम भूमिका निभा रही
साल 2006 में वह यूएन पीसकीपिंग मिशन के तहत कांगो में तैनात रहीं और 6 वर्षों से ज्यादा समय से शांति मिशनों में अहम भूमिका निभा रही हैं. उन्हें पीसकीपिंग ट्रेनिंग ग्रुप से चुना गया था, जो अंतरराष्ट्रीय मिशनों के लिए सबसे बेहतर ट्रेनिंग देते हैं. उनका रिश्ता सेना से पुराना है. उनके दादा सेना में थे और उनके पति मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री में अधिकारी हैं.
सोफिया के दादा भी सेना में थे
सोफिया कुरैशी मूल रूप से गुजरात की रहने वाली हैं. उनका जन्म 1981 में वडोदरा, गुजरात में हुआ. उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है.कई रिपोर्टस में बताया गया कि सोफिया के दादा भी सेना में थे और उनके पिता ने भी कुछ वर्षों तक सेना में धार्मिक शिक्षक के रूप में सेवाएं दीं. एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि सोफिया की शादी मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री के एक सेना अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुआ है और उनका एक बेटा समीर कुरैशी है.
1999 में हुआ सेलेक्शन
भारतीय सेना में सोफिया की एंट्री 1999 में हुई.उन्होंने 1999 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया.इसके बाद सोफिया ने सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त किया.वर्ष 2006 में सोफिया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी. वह 2010 से शांति स्थापना अभियानों से जुड़ी रही हैं.पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम के दौरान उनकी सेवा के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C)का प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है.उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर इन चीफ (SO-in-C) का प्रशंसा पत्र भी मिला था.उन्हें फोर्स कमांडर की सराहना भी मिली.
2016 में भी आई थीं सुर्खियों में
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी उस समय भी सुर्खियों में आईं थीं.जब उन्होंने एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय दल की अगुवाई की थी.तब वह ऐसा करने वाली भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी बन गई थीं. इस अभ्यास का नाम ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ दिया गया था,जो भारत की ओर से आयोजित उस समय का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था.लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी इस अभ्यास में भाग लेने वाले 18 दलों में एकमात्र महिला अधिकारी थीं. भारतीय दल में कुल 40 सदस्य थे.उस समय वह भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी थीं.
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