- अखिल भारतीय गुर्जर महासभा
ने किया हंगामा, तैनात रही भारी पुलिस फोर्स
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। सीसीएसयू कैंपस सोमवार
को पुलिस छावनी में तब्दील रहा। अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के कैंपस पहुंचने के आह्वान
पर सुबह से ही गेट पर पुलिस तैनात रही। बड़ी संख्या में युवा पहुंचे तो पुलिस अधिकारियों
ने स्पष्ट कर दिया कि किसी को अन्दर नहीं जाने दिया जाएगा। जिसके बाद युवाओं के प्रतिनिधि
मंडल ने विश्व विद्यालय के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर जाति देखकर छात्रों का उत्पीड़न
नहीं करनी की बात कही। पूरे मामले में कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस
बुलाकर साफ कर दिया कि किसी को भी माहौल नहीं बिगाड़ने दिया जाएगा।
नौ मई की रात साढ़े 11
बजे मेरठ कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शुभम मलिक और विक्रांत अपने दोस्त अर्पित
को सीसीएसयू के पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्टल छोड़ने गये थे। वहां पर महाराणा प्रताप
हॉस्टल में रहने वाले छात्र प्रियांशु चौधरी और उसके दोस्त शुभम और विक्रांत से बात
करने लगे। इसी बीच छात्र विनय उर्फ सुच्चा, सिद्धार्थ कसाना, आदित्य यादव और देव राणा
डंडों और तमंचों के साथ वहां आए। शुभम मलिक पर हमला बोल दिया। चारों ने शुभम मलिक की
बेरहमी से पिटाई की। जान से मारने की धमकी देकर चले गए। पूरे मामले में शुभम मलिक कही
तरफ से मेडिकल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस घटना के बाद सीसीएसयू प्रशासन
चारों आरोपियों का कैंपस में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया। बुधवार को पुलिस ने एक आरोपी
आदित्य को गिरफ्तार किया। दूसरे आरोपी सिद्धार्थ कसाना ने हापुड़ के एक पुराने मामले
में सरेंडर कर दिया। बाकी दो आरोपी अभी फरार हैं। इस घटना के विरोध में गुरुवार को
मेरठ कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शुभम मलिक के समर्थन में सैकड़ों छात्र कैंपस
पहुंचे। छात्र नारेबाजी करते हुए कुलपति कार्यालय में पहुंच गया। जमकर हंगामा किया।
खूब नोकझोंक हुई। रविवार को इस मामले में एक दूसरा ग्रुप सोशल मीडिया पर एक्टिव हुआ।
इसमें कहा गया है कि सोमवार को सभी साथी कैंपस पहुंचे और सीसीएसयू प्रशासन के सामने
अपनी बात रखें। वहीं कुलपति कार्यालय में हुए हंगामे के मामले में सीसीएसयू प्रशासन
की तरफ से मेडिकल थाने में 200 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
जातिगत मामला बनाकर छात्रों
को किया जा रहा टारगेट
सोमवार को अखिल भारतीय
गुर्जर महासभा के आह्वान पर बड़ी संख्या में युवा कैंपस पहुंच गए। पूरे मामले को देखते
हुए सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी मेडिकल थाने की पुलिस के साथ यूनिवर्सिटी में मौजूद
रहे। पुलिस ने युवकों को गेट पर रोक दिया। साफ कह दिया कि अगर कोई माहौल बिगाड़ेगा
तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। जिसके बाद युवक ज्ञापन देकर चले गए। अखिल भारतीय गुर्जर
महासभा की तरफ से कहा गया कि जातिगत मामला बनाकर एक जाति के छात्रों को टारगेट किया
जा रहा है।
ये कहना है कुलपति का
पूरे मामले में कुलपति
प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कहा कि यह कोई जातिगत मामला नहीं
है। विश्वविद्यालय के लिए सभी छात्र एक समान हैं। जो भी माहौल खराब करेगा, उसके खिलाफ
सख्त एक्शन लिया जाएगा। मारपीट की घटना के बाद विश्वविद्यालय में सुरक्षा के इंतजाम
बढ़ा दिए गए हैं।
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