Saturday, May 24, 2025

शताब्दी नगर से मोदीपुरम तक के खंड का प्रबंध निदेशक ने किया निरीक्षण

 


-एनसीआरटीसी के एमडी पहुंचें मेरठ, अधिकारियों के साथ ट्रॉली से की पूरे खंड की यात्रा

लियाकत मंसूरी

नित्य संदेश, मेरठ। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के शताब्दी नगर से मोदीपुरम तक के खंड का व्यापक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान एनसीआरटीसी के निदेशक और वरिष्ठ अधिकारी भी उनके साथ थे।


मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारियों ने ट्रॉली से इस पूरे खंड की यात्रा की। उन्होंने पूरे 17 किमी खंड की अप और डाउन दोनों लाइनों का निरीक्षण किया, वायाडक्ट का जायजा लिया और इस खंड में स्थित नमो भारत स्टेशनों पर चल रहे फिनिशिंग कार्य की समीक्षा की। इस खंड में दो नमो भारत स्टेशन हैं बेगमपुल और मोदीपुरम। इस निरीक्षण का उद्देश्य कॉरिडोर की ऑपरेशनल तैयारी का आकलन करना था, जिसमें गुणवत्ता और सुरक्षा के उच्चतम मानकों के पालन पर विशेष ध्यान दिया गया। इस अपरिचालित खंड में पहले से ही ट्रायल रन किए जा रहे हैं। स्टेशनों का सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और फिनिशिंग का काम युद्धस्तर पर आगे बढ़ रहा है। श्री गोयल ने काम की गति और गुणवत्ता से संतुष्टि व्यक्त की और साइट पर कॉन्ट्रैक्टरों के साथ बातचीत की। कॉरिडोर के परिचालन का कार्य अब अपने अंतिम चरण में है, ऐसे में श्री गोयल ने उन्हें कार्य की गति बनाए रखते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया।


श्रमिकों और इंजीनियरों के साथ बातचीत की

श्री गोयल ने साइट पर श्रमिकों और इंजीनियरों के साथ बातचीत की और उन्हें गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया, काम की गति बनाए रखते हुए निर्माण के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने एनसीआरटीसी अधिकारियों और कॉन्ट्रैक्टरों को मिलकर परस्पर सहयोग से काम करने की सलाह दी, ताकि निर्बाध समन्वय सुनिश्चित करते हुए उत्कृष्ट कार्य किया जा सके। साथ ही, उन्होंने निर्धारित समयसीमा के भीतर शेष फिनिशिंग कार्य पूरा करने के महत्व पर विशेष जोर दिया।



बेगमपुल पर भूमिगत स्टेशन का लिया जायजा

अधिकारियों ने बेगमपुल स्टेशन, जो मेरठ के एक प्रमुख बाजार क्षेत्र के मध्य स्थित एक भूमिगत स्टेशन है, के काम की स्थिति का भी जायजा लिया। 246 मीटर लंबा, 24.5 मीटर चौड़ा और लगभग 22 मीटर गहरा बेगमपुल स्टेशन, कॉरिडोर के बड़े स्टेशनों में से एक है। यहाँ फिनिशिंग का काम अपने अंतिम चरण में है। इस स्टेशन पर यात्रियों को नमो भारत और मेरठ मेट्रो, दोनों परिवहन सेवाएं प्रदान की जाएंगी। निरीक्षण के दौरान श्री गोयल ने नमो भारत और मेरठ मेट्रो, दोनों ट्रांजिट सेवाएं प्रदान करने वाले स्टेशनों पर ट्रेनों के बीच यात्री आवाजाही और इंटरचेंज प्रक्रिया के बारे में विस्तार से पूछताछ की। उन्होंने यात्रियों के लिए एक निर्बाध अनुभव सुनिश्चित करने के लिए जरूरी तैयारियों, साइनेज, कार्य की प्रगति और परिचालन की गतिशीलता को विस्तार से समझा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्टेशनों के परिचालन के लिए उन्हें सुचारू और समयबद्ध रूप से डीबी आरआरटीएस इंडिया को हैंडओवर करने के लिए, उनके अधिकारियों के साथ समन्वय के महत्व पर विशेष जोर दिया।


मोदीपुरम है कॉरिडोर का अंतिम स्टेशन

प्रवक्ता ने बताया कि इसके बाद अधिकारी मोदीपुरम स्टेशन पहुँचे, जो दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर का अंतिम स्टेशन है। यहाँ पीईबी निर्माण के साथ-साथ फिनिशिंग का काम तेजी से प्रगति कर रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इस स्टेशन पर, एनसीआरटीसी सुरक्षित पैदल यात्री क्रॉसिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए एक फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) का भी निर्माम कर रहा है। इस एफओबी का सिविल निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही फिनिशिंग का काम आरंभ हो जाएगा। इन सभी स्टेशनों को प्रमुख ट्रांजिट हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे यात्रियों के लिए नमो भारत और मेट्रो सेवाओं के साथ-साथ ऑटो, टैक्सी और बसों तक आसान पहुंच प्रदान की जा सके।



काम से संतुष्ट दिखे प्रबंध निदेशक

मोदीपुरम से अधिकारियों ने ट्रॉली द्वारा डाउन लाइन पर वापसी की यात्रा की। श्री गोयल ने काम की गति और गुणवत्ता के प्रति संतुष्टि व्यक्त की और विश्वास जताया कि एनसीआरटीसी निर्धारित समयसीमा के भीतर कॉरिडोर के शेष खंड को पूरा कर लेगा। वर्तमान में 11 स्टेशनों के साथ 55 किमी का खंड परिचालित है। एनसीआरटीसी निर्धारित समयसीमा के अनुसार पूरे 82 किमी कॉरिडोर को जनता के लिए खोलने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है।

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