नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। सिविल लाइन इलाके में साल 2013 में हुए करन कौशिक हत्याकांड के आरोपियों सलमान
लंगड़ा और ताज मोहम्मद की जमानत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी है। दोनों करन के
पिता राकेश कौशिक पर मुकदमा वापसी लेने का दबाव बना रहे थे। मुजफ्फरनगर दंगे के
दौरान हुए करन हत्याकांड से शहर का माहौल बिगड़ते-बिगड़ते बचा था। हत्यारोपियों ने
करन को मारने के बाद शव को कब्रिस्तान में दफना दिया था।
सिविल लाइन क्षेत्र के सुभाषनगर निवासी राकेश कौशिक के इकलौते बेटे करन कौशिक (13) की 11 सितंबर 2013 को हत्या कर दी थी। जिसमें तीन आरोपी सलमान लंगड़ा, ताज मोहम्मद और सुहेल जेल गए थे। यह वारदात मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान मेरठ में हुई। जिसमें शहर का माहौल खराब होने से बचा था। आरोपियों ने हत्या करके करन के शव को कब्रिस्तान में दबा दिया था। इस वारदात में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपी सुहेल नाबालिग होने की वजह से बच गया था। सलमान लंगड़ा और ताज मोहम्मद को साल 2023 में कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
इस मामले में वादी करन कौशिक के पिता राकेश
कौशिक हैं। सितंबर 2024 में मेरठ कोर्ट में गवाही के
दौरान सलमान लंगड़ा और ताज मोहम्मद ने राकेश कौशिक को जान से मारने की धमकी दी थी।
जिसके बाद इस मामले में सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। राकेश कौशिक की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था कि
आरोपी उन पर लगातार मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे। ऐसे में इनकी जमानत
निरस्त की जाए। कोर्ट ने दोनों आरोपियों के आपराधिक इतिहास को देखते हुए सलमान
लंगड़ा और ताज मोहम्मद की जमानत निरस्त कर दी है।
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