-नेशनल यूनाइटेड फ्रंट ऑफ डॉक्टर्स के संस्थापक ने डीएम
से की शिकायत
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत
अल्ट्रासाउंड सेंटर के रजिस्ट्रेशन में अनावश्यक विलंब एवं चिकित्सकों के उत्पीड़न
की शिकायत डीएम से की गई है। यह
शिकायत नेशनल यूनाइटेड फ्रंट ऑफ डॉक्टर्स के संस्थापक डॉ. अनिल नौसरान ने की है।
डा. नौसरान ने बताया कि नेशनल यूनाइटेड फ्रंट ऑफ डॉक्टर्स के
सक्रिय सदस्या डॉ. शिवानी वशिष्ठ द्वारा गत 9 अक्टूबर 2024
को अल्ट्रासाउंड सेंटर के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया गया
था, कई बार प्रयास करने के बाद मार्च 2025 में उनके सेंटर का निरीक्षण संपन्न हुआ, किंतु शनिवार तक भी उन्हें अल्ट्रासाउंड सेंटर का लाइसेंस प्राप्त
नहीं हुआ है। कहा कि एक योग्य रेडियोलॉजिस्ट, जो 12 से 15 वर्षों की कठिन साधना के उपरांत समाज की
सेवा के उद्देश्य से स्वयं का सेंटर स्थापित करता है, उसे इस प्रकार की प्रक्रियात्मक शिथिलता और
पीसीपीएनडीटी एक्ट के नाम पर अनावश्यक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। यह न केवल
संबंधित चिकित्सक की मान-प्रतिष्ठा के विरुद्ध है, बल्कि चिकित्सा समुदाय के मनोबल को भी आघात पहुँचाता
है।
नेशनल यूनाइटेड फ्रंट ऑफ डॉक्टर्स ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में हो रही अनावश्यक देरी और चिकित्सकों के साथ हो रहे
उत्पीड़न पर गहरी नाराज़गी जताई है। संगठन के संस्थापक ने मांग की है कि डॉ.
शालिनी का लाइसेंस अविलंब जारी किया जाए और देरी के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों पर
अनुशासनात्मक कार्यवाही हो। संस्था ने चेतावनी दी है कि यदि
ऐसे मामलों में शीघ्र न्याय नहीं मिला, तो चिकित्सकों को संगठित होकर
विरोध प्रदर्शन करना पड़ेगा।
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