नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ: शोभित विश्वविद्यालय में "जल एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन" विषय पर एक उच्च स्तरीय व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों को जल संरक्षण, पुनर्चक्रण और अपशिष्ट जल प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों व नीतियों से परिचित कराना था।
कार्यक्रम में पोल्लुकॉन टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड नोएडा के निदेशक ई. एस.के. सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने व्याख्यान में बताया कि जल ही जीवन का मूल स्रोत है और यदि हम इसे संरक्षित नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ियों को गहरे जल संकट का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने अपशिष्ट जल के वैज्ञानिक एवं व्यावहारिक प्रबंधन, औद्योगिक क्षेत्रों में जल पुनर्चक्रण की संभावनाओं तथा जल की गुणवत्ता बनाए रखने के उपायों पर विस्तृत प्रकाश डाला।
संगोष्ठी में विद्यार्थियों ने गहरी रुचि दिखाई और व्यावहारिक दृष्टिकोण से कई प्रश्न भी पूछे, जिनका विशेषज्ञ द्वारा प्रभावशाली उत्तर दिया गया। कार्यक्रम ने यह सिद्ध किया कि उच्च शिक्षा संस्थानों की भूमिका केवल शिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में पर्यावरणीय चेतना जागृत करना भी उनका उत्तरदायित्व है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) वी.के. त्यागी ने कहा कि जल प्रबंधन केवल तकनीकी विषय नहीं, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है। हमें अपने छात्रों को इस दिशा में न केवल जागरूक बनाना है, बल्कि उन्हें समाधान का हिस्सा भी बनाना है। इस प्रकार की विशेषज्ञ संगोष्ठियाँ छात्रों में व्यावहारिक दृष्टिकोण और समाज के प्रति उत्तरदायित्व को विकसित करने में सहायक होती हैं।
कार्यक्रम का संयोजन राजकिशोर सिंह द्वारा किया गया। संगोष्ठी सफल बनाने में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ गणेश भारद्वाज डॉ. दिव्य प्रकाश, डॉ. मोनिका चौधरी, डॉ. ज्योति शर्मा, तथा डॉ. आर.के. जैन एवं विश्वविद्यालय छात्रों की प्रमुख भूमिका रही।
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