सपना साहू
नित्य संदेश, इंदौर। वामा साहित्य मंच के तत्वावधान में वरिष्ठ लेखिका डॉ. किसलय पंचोली के कथा संग्रह गेट से बाहर फ्रायड का विमोचन गुड़ीपड़वा की शुभ तिथि पर हुआ। स्वागत उद्बोधन में अध्यक्ष ज्योति जैन ने वामा साहित्य मंच का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि सदस्याओं के मौलिक सृजन की गुणवत्ता नित नए आयाम छू रही है।
इस अवसर पर बोलते हुए ख्यात साहित्यकार मधु कांकरिया ने कहा कि कहानीकार में विद्रोह का स्वर बदलाव लाता है। वह अपने सरोकारों और संवेदनाओं का विस्तार किए बिना ऊंचाई प्राप्त नहीं कर सकता। डॉ.किसलय की कहानियों में मध्यमवर्गीय दर्द, असुरक्षा, स्त्री विमर्श, जीवन की छोटी-छोटी सच्चाईयां मौजूद हैं। इस अवसर पर बोलते हुए सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एवं वक्ता अनुराधा शंकर ने कहा कि डॉ.किसलय पंचोली ने बहुत ही अनछुए विषय चुनें हैं। उन्होंने अपनी सूक्ष्मदर्शिता से शिल्प के बड़े विधान खड़े किये बिना भी लेखन को उत्कृष्टता प्रदान की है।
मनोवैज्ञानिक एवं लेखक डॉ.संदीप अत्रे ने कहा कि लेखिका में लेखन की बहुत सारी खूबियां मौजूद हैं। वे अपनी बात को बड़ी शालीनता से कहतीं भी हैं और छुपाती भी हैं। उनकी कहानियों में प्रकृति एक किरदार की तरह विद्यमान है। अपनी रचना प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए डॉ.किसलय ने कहा कि कहानी वह टूल है जिससे मानसिकता परिष्कृत हो सकती है। मेरा मानना है कि वैयक्तिक स्वायत्तता के साथ परिवार, विकास के साथ पर्यावरण और धर्म के साथ मानवता को बचाए रखने के में कोई विधा बेहद सम्प्रेषणीय हो सकती है तो वह है कहानी लेखन। कहानी लिखना मुझे अच्छा लगता है जो मन के तनाव को भी कम करता है।
कार्यक्रम का सुंदर संचालन स्मृति आदित्य ने किया। अतिथियों का स्वागत व स्मृति चिन्ह डॉ. गरिमा दुबे, डॉ. अपूर्व पौराणिक, सात्विका, कविता अर्गल, गीता व्यास, कोमल रामचंदानी, निधी जैन, विभा व्यास, कुमार कक्कड़ ने भेंट किए। आभार किंजल्क पंचोली ने व्यक्त किया।
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