मितेंद्र कुमार गुप्ता
नित्य संदेश, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में "भारतीय गाँव के बदलते प्रतिमान" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य शुभारंभ हुआ। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद राजेंद्र
अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक ओमपाल, समाजशास्त्र विभाग के पूर्व
विभागाध्यक्ष प्रो. एसएस शर्मा, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. डीके रॉय एवं विभागाध्यक्ष
प्रो. आलोक कुमार सहित अनेक शिक्षाविद्, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे। संगोष्ठी
के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि ओमपाल ने कहा कि "भारत की आत्मा गाँवों में बसती
है, लेकिन बदलते सामाजिक और आर्थिक परिवेश में गाँवों की पारंपरिक संरचना में बड़ा
बदलाव आ रहा है।" कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि
"भारतीय गाँवों की सामाजिक संरचना में हो रहे बदलावों को समझना समाजशास्त्रियों
के लिए अत्यंत आवश्यक है।" इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग के शिक्षक डॉ. वाईपी
सिंह, डॉ. डीएन. भट्ट, डॉ. नेहा गर्ग, डॉ. अरविंद सिरोही, डॉ. दीपेंद्र, डॉ. अजीत सिंह
और शोधार्थी रोहित कुमार, आकाश राठी, अंशुल शर्मा, प्रभात मोरल, प्रणय तिवारी, गरिमा
राठी आदि उपस्थित रहे।
शोधार्थियों एवं विशेषज्ञों ने रखे विचार
संगोष्ठी के प्रथम सत्र में एडवोकेट शुभी खान
ने ग्रामीण समाज में परिवर्तन, कृषि से औद्योगीकरण की ओर बढ़ते रुझान, शिक्षा एवं रोजगार
के अवसर, तथा बढ़ते उपभोक्तावाद पर गहन चर्चा की। इस संगोष्ठी में देशभर से शोधकर्ता
एवं विषय-विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। दूसरे दिन भी विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों के
व्याख्यान और शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
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