नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। बुधवार को प्रोफ़ेसर अनीता गोस्वामी ने थैसोलोनीकी यूनान में भारत एवं यूनान: इतिहास, समाज, विज्ञान एवं उद्यमिता विषय पर आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपना शोध पत्र “मोनास्ट्रीसिसम एंड ग्रीस” विषय पर प्रस्तुत किया।
इस संगोष्ठी का आयोजन यूनान की पाँच प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, इनमें एरसटोटल यूनिवर्सिटी ऑफ़ थेसोलोनिकी युनान, आयोनिया विश्वविद्यालय, नेशनल एंड केप्डोसटिृयन विश्वविद्यालय एथेंस, इंटरनेशनल हेलेनेस्टिक विश्वविद्यालय, एटिका विश्वविद्यालय का संयुक्त सहयोग रहा। भारत से जवाहर-लाल नेहरू विश्वविद्यालय की इसमें सहभागिता रही। संगोष्ठी में 15 से अधिक देशों के विद्वानों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए, साथ ही भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों द्वारा भी अपने शोध पत्र संगोष्ठी में प्रस्तुत किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के युन्नान यात्रा के उपरांत आयोजित इस संगोष्ठी का महत्व और भी हो जाता है क्योंकि दोनों ही देश विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर सहमति हेतु परस्पर प्रगतिशील हैं।
प्रोफ़ेसर अनीता गोस्वामी प्राचीन इतिहास में यूनान तथा भारत के ऐसेटिसिसम के विशेषज्ञ हैं व शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचीन इतिहास की प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हैं। संगोष्ठी में सभी ने उनके शोध पत्र की प्रशंसा की एवं उस पर वैचारिक आदान प्रदान किया, प्रोफ़ेसर गोस्वामी ने बताया कि युन्नान तथा भारत की सांस्कृतिक विरासत में अनेकों समानताएँ विद्यमान् है ।
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