रवि गौतम
नित्य
संदेश, परीक्षितगढ़। नगर में चल रही रामलीला
में राजा दशरथ वन को निकले, जहां श्रवण कुमार अपने माता-पिता
के लिए जल लेने के लिए नदी किनारे गए थे, घायल हो गए। दशरथ को अपने किए पर बहुत पश्चाताप हुआ, उन्होंने
श्रवण कुमार के माता-पिता को जन्म देते हुए बताया कि आपका
पुत्र मेरे हाथों मारा गया तो उन्होंने राजा दशरथ को श्राप दिया कि पुत्र वियोग में तुम भी ऐसे ही तड़पोगे।
रामलीला में राम जन्म, गुरु वर आश्रम में शिक्षा, ऋषि
विश्वामित्र द्वारा यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को वन में ले जाना, ताड़का वध, मारीछ और सुबाहु आदि राक्षसों से यज्ञ
की रक्षा करने की लीला का मंचन किया गया। मंच का संचालन पंकज
त्यागी व विष्णु अवतार रुहेला ने किया। अवसर पर श्यामदत्त
शर्मा, विद्या भूषण गर्ग, ब्रह्मजीत प्रजापति, अजीत गुर्जर, विकल नागर, भरत अग्रवाल, ओमकार शर्मा, जोगेंद्र शर्मा महावीर गुप्ता
आदि उपस्थित रहे।
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