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Friday, October 4, 2024

मां चंद्रघंटा

 
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मां चंद्रघंटा तृतीय,
शीश चंद्र आकाशीय,
सिंह सवारी करती,
दानवों को हराए।

स्वर्णिम आभा अनूप,
दसभुजा का स्वरूप,
अस्त्र-शस्त्र सुशोभिता,
चण्डध्वनि सुनाए।

माधुर्य स्वर करती,
वे परम पद देती, 
छवि है मनमोहक,
माई उर समाए।

प्रिय पौधा चंदुसूर,
मेदू रोग होते दूर,
मीन राशि वाले ध्याये, 
वीरता, सद्गुण पाए।

सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल'
इंदौर (म.प्र.)

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