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Tuesday, August 20, 2024

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बाढ़ से बचाव के लिए दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) सूर्य कान्त त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान वर्ष 2024-25 में जनपद मेरठ में अत्यधिक वर्षा एवं बाढ़ से बचाव हेतु जिलाधिकारी दीपक मीणा एवं उनकी अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में तैनात जिला आपदा विशेषज्ञ दीपक कुमार द्वारा बताया गया कि बाढ़, अत्यधिक वर्षा, बादल फटने, बांध टूटने, वनों की कटाई एवं नदी की धारा में परिवर्तन आदि जैसे कारणों से आती है। यदि बाढ़ की आशंका से आपको अपना स्थाई स्थान छोड़ना पड़े तो बिजली के मेन स्विच और गैस वाल्व को तुरंत बंद कर दें, बिजली के उपकरणों को हटाकर अलग रख दें एवं जरूरी चीजों को किसी ऊपरी जगह पर रख दें।

बाढ़ से बचाव हेतु बाढ़ से पूर्व-ऊंचे स्थानों को पहले से चिन्हित करें, जरूरी कागजात जैसे राशन कार्ड, पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि को वाटरप्रूफ बैग में इकट्ठा रखें। आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री जैसे बिस्किट, लाई, चना, गुड़, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि एकत्र करें, बीमारी से बचाव हेतु क्लोरीन, ओआरएस तथा आवश्यक दवाईयां प्राथमिक उपचार किट में रखें। जैरी कैन, छाता, त्रिपाल, रस्सी, हवा से भरी ट्यूब, प्राथमिक उपचार किट, मोबाइल व चारजर, बैटरी चालित रेडियो, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखें। सूखे अनाज व मवेशियों के चारे को किसी ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रखें एवं पशुओं में होने वाली बीमारी की रोकथाम हेतु पशुओं का समय से टीकाकरण कराएं।

बाढ़ के दौरान-बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्ध, दिव्यांग जनों एवं बीमार व्यक्तियों को तुरंत सुरक्षित ऊंचे स्थान पर पहुंचाएं। घर छोड़ने से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैस रेगुलेटर को बंद करें एवं शौचालय सीट को बालू से भरी बोरी से ढकें। उबला हुआ या क्लोरीन युक्त पानी का उपयोग करें, बिजली के तार व ट्रांसफार्मर से दूर रहें, डंडे से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता ना होने पर उसे पार करने की कोशिश ना करें, विषैले प्राणियों जैसे सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहें, सांप काटने पर पीड़ित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं, गर्भवती महिलाओं हेतु आशा एवं ए०एन०एम० की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें। बाढ़ में डूबे हैंडपंप के पानी का सेवन ना करें, बाढ़ के पानी के संपर्क में आई खाद्य सामग्रियों का सेवन ना करें, क्षमता से अधिक लोग नाव पर ना बैठे एवं लाइफ जैकेट जरूर पहनें, बच्चों को बाढ़ के पानी में ना खेलने दें।

बाढ़ के बाद-बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों एवं संरचनाओं में प्रवेश ना करें, क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग ना करें, क्षतिग्रस्त पुल या पुलिया को पार करने की कोशिश ना करें, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सुरक्षित घोषित करने पर ही बाढ़ में डूबे हैंडपंप के पानी का उपयोग करें, महामारी की रोकथाम के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं घरों के आसपास ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें, संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु मरे हुए पशुओं एवं मलबों को एक जगह एकत्र कर जमीन में दवाए, डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।

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