-जमानत हो गई थी मंजूर, जेल नहीं पहुंच पाया था परवाना, परिजनों में मचा कोहराम
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। सरधना क्षेत्र में 7 वर्ष पूर्व रुपये के लेन-देन को लेकर हुए खूनी संघर्ष के मामले में नामजद आरोपी जुम्मा की जेल में मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन शव को देखकर बिलख उठे।
बताया गया कि भूरा कुरैशी पुत्र अल्लामहर निवासी मोहल्ला कस्बा और मोसीन अलवी पुत्र खुर्शेद निवासी मोहल्ला पीरजादगान के बीच रुपये के लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था। भूरा कुरैशी मोसीन से डेढ़ लाख रुपये मांग रहा था। आपसी समझौते के बाद मोसीन ने रुपये शाम तक देने का वादा किया था। 28 अगस्त 2018 की शाम जब भूरा का बड़ा भाई और पूर्व सभासद मेहरबान कुरैशी रुपये लेने मोसीन के घर पहुँचे, तो कहासुनी के बाद दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया और मामला संघर्ष में बदल गया था। दोनों ओर से लाठी-डंडे और धारदार हथियारों का प्रयोग हुआ था। संघर्ष में घायल हुए लोगों में से यामीन अलवी (25) पुत्र जमशेद को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था।
इनके खिलाफ हुआ था मुकदमा
इस घटना में मेहरबान कुरैशी की पत्नी महजबी की तहरीर पर पुलिस ने मोसीन, मोईन पुत्रगण खुर्शेद, मोबीन पुत्र जमशेद, खुर्शेद, जमशेद व शमशाद पुत्रगण अल्लामहर सहित छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जैबुन्निशा ने तहरीर देकर मेहरबान कुरैशी, भूरा, हाकमीन, यासीम, यामीन, शाहिद, जुम्मा, अरशद पुत्रगण अल्लामहर, सुल्लड़ व फिरोज पुत्रगण मेहरबान पर घर में घुसकर हमला करने व हत्या करने का आरोप लगाया था।
इनको भेजा गया था जेल
पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीरों पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। 30 अगस्त को नामजद आरोपियों में से सुल्लड़ पुत्र मेहरबान को धारा 302 में तथा खुर्शेद पुत्र अल्लामहर को धारा 307 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके बाद पुलिस ने हत्यारोपी यामीन, यासीन जुम्मा, शाहिद सुल्लड और भूरा को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
भूरा, सुल्लड व फिरोज ज़मानत पर बाहर
2 वर्ष बाद हत्या आरोपी जमानत पर छूट कर बाहर आ गए थे, इसके बाद पुलिस ने फिर से सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिनमें से भूरा, सुल्लड व फिरोज ज़मानत पर बाहर हैं। जुम्मा की जमानत भी मंजूर हो गई थी। अभी परवाना जाना बाकी था, इसी दौरान उसकी मौत हो गई।
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