Thursday, October 30, 2025

प्रिय दीदी लेखिका सपना सीपी साहू "स्वप्निल" को समर्पित


नित्य संदेश।

समस्याएं थी बहुत सारी,
सबसे निपटी है वो नारी।
हर परिस्थिति पर है भारी,
बहन है वो मेरी बड़ी प्यारी।।

शब्दों में उसके स्नेह भरा,
कलम से इतिहास रचा।
हर विषय पर वो लिखती,
सदैव ही उत्साह में वो दिखती।।

"पर्वोंत्कर्ष" नाम से किताब छपी,
हर पर्व पर है बात लिखी।
रचनाएंओ से अखबार भरे,
लेखिका के रूप में पहचान मिली।।

मां शारदा का उनपर आशीष है,
बहुत ही निर्मल उनका दिल है।
साहित्य की दुनिया में जो छाई है,
वो सपना सी.पी साहू "स्वप्निल" है।।

स्वरचित:
रविन्द्र तंवर "सूर्योदय"

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