Sunday, October 26, 2025

एशियाई देशों के परिवहन विशेषज्ञों ने किया नमो भारत कॉरिडोर का दौरा




नित्य संदेश ब्यूरो 
नई दिल्ली। एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलेपमेंट (एआईटीडी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज नमो भारत कॉरिडोर का दौरा किया, जिसमें दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के कई परिवहन विशेषज्ञ शामिल थे। एनसीआरटीसी के एक वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल ने उनकी मेज़बानी की। 

इस यात्रा के दौरान प्रतिनिधियों को भारत की प्रथम रीजनल रेल, नमो भारत, के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्हें परियोजना का एक ओवरव्यू दिया गया तथा इसमें प्रयोग की जा रही उन्नत तकनीकों और नवीन पहलों पर विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही, उन्हें यह भी बताया गया कि नमो भारत परियोजना किस प्रकार प्रदूषण और भीड़भाड़ को कम कर प्रमुख शहरी गतिशीलता चुनौतियों का समाधान प्रदान कर रही है और एक सतत भविष्य की दिशा में योगदान दे रही है।

एआईटीडी के प्रतिनिधिमंडल ने न्यू अशोक नगर से दुहाई डिपो नमो भारत स्टेशन तक नमो भारत ट्रेन में यात्रा की, और इन ट्रेनों की तेज़ गति, आरामदायक सुविधाओं और यात्री-केंद्रित विशेषताओं का प्रत्यक्ष अनुभव किया। भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत, इन ट्रेनों का निर्माण गुजरात के सावली में किया गया है। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने ट्रेन और स्टेशनों के समावेशी डिजाइन तथा सार्वभौमिक पहुँच के प्रावधानों का भी अनुभव किया और यात्रियों की सुविधा और उनकी विविध आवश्यकताओं पर विस्तृत रूप से ध्यान देने के लिए टीम एनसीआरटीसी की सराहना की।
एनसीआरटीसी द्वारा मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन (एमएमआई) के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों के बारे में भी प्रतिनिधियों को विस्तृत जानकारी दी गई, जहाँ स्टेशनों को सार्वजनिक परिवहन के अन्य मौजूदा साधनों से निर्बाध रूप से जोड़ा जा रहा है। इससे सार्वजनिक परिवहन के नेटवर्कों का एक विशाल नेटवर्क तैयार हो रहा है जो बेहतर राइडरशिप और दीर्घकालिक सततता सुनिश्चित करेगा। प्रतिनिधियों ने ट्रेन ऑपरेटर और स्टेशन कंट्रोल स्टाफ जैसी विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाओं में महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी को विशेष रुप से सराहा, तथा एनसीआरटीसी के महिलाओं के नेतृत्व में विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। 
दुहाई डिपो में, प्रतिनिधियों ने स्टेट ऑफ दी आर्ट इंस्पेक्शन बे लाइन (आईबीएल) और वर्कशॉप का दौरा किया, जहाँ उन्होंने नमो भारत ट्रेनसेट के रखरखाव से जुड़ी व्यापक प्रक्रियाओं का अवलोकन किया। यहाँ उन्हें ऑपरेशनल प्रोटोकॉल, सुरक्षा जाँच और उन तकनीकी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, जिनके द्वारा ट्रेनों के कुशल और विश्वसनीय संचालन को सुनिश्चित किया जाता है। 

इस यात्रा के दौरान, उन्हें भारत में अपनी तरह की इस पहली परियोजना में प्रयोग की जा रही कई अभूतपूर्व तकनीकों के विषय में भी जानकारी दी गई और उसका डिमोन्सट्रेशन किया गया। इस श्रृंखला में, उन्हें एलटीई बैकबोन पर यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) की हाइब्रिड लेवल 3 तकनीक के विषय में बताया गया, जिसे विश्व में पहली बार नमो भारत परियोजना में प्रयोग किया जा रहा है और जो सबसे उन्नत सिग्नलिंग और ट्रेन कंट्रोल सिस्टम्स में से एक है।

इसके साथ ही, प्रतिनिधियों ने दुहाई डिपो स्थित प्रशासनिक भवन का दौरा किया, जहाँ उन्होंने ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर, सिम्युलेटर रूम और अन्य सुविधाओं का अवलोकन किया। एनसीआरटीसी परियोजना के कार्यान्वयन, परिचालन दक्षता और प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए वर्चुअल रियालिटी (वीआर), ऑगमेंटेड रियालिटी (एआर) और बिल्डिंग इंफॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम) जैसी विभिन्न उन्नत तकनीकों का उपयोग कर रहा है।

इस दौरे का समापन न्यू अशोक नगर नमो भारत स्टेशन पर हुआ। पूरी यात्रा के दौरान, प्रतिनिधियों ने एनसीआरटीसी की पहलों में गहरी रुचि व्यक्त की; और सतत, तकनीकी रूप से उन्नत और यात्री-अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की दिशा में एनसीआरटीसी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने परियोजना को समय पर क्रियान्वित करने और उन्नत तकनीकों तथा प्रगतिशील तरीकों का प्रयोग कर विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ये नवीन पद्धतियाँ न केवल भारत के लिए नए मानक स्थापित कर रही हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मान्यता प्राप्त कर रही हैं।

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