-1990 में विनोद अरोड़ा ने
पावर ऑफ अटॉर्नी के इस्तेमाल से बना दिया कॉम्प्लेक्स
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। शास्त्री नगर की
सेंट्रल मार्केट में 35 साल पुराने कॉम्प्लेक्स में बनीं 22 दुकानें ध्वस्त कर दी
गई। प्रशासन के बुलडोजर एक्शन से पहले कारोबारी अपनी दुकानों के सामने बैठकर
फूट-फूटकर रोने लगे। महिलाएं भावुक होकर बोलीं, मुझे आखिरी बार अपनी दुकानें देख
लेने दीजिए। सुरक्षा कारणों से पुलिस ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने कहा कि अब उनका
क्या होगा? कहां जाएंगे और किस तरह से अपना गुजारा करेंगे।
शनिवार सुबह साढ़े 11 बजे
प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, तो आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ को देखते हुए
पुलिस ने पूरे इलाके में बैरिकेडिंग कर दी। सुरक्षा के लिए कई थानों की फोर्स और
PAC तैनात कर दी गई। ATS के ड्रोन से हर गतिविधि पर नजर रखी गई। यह कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई। कॉम्प्लेक्स 288 वर्ग मीटर में बना हुआ था। यह जमीन
काजीपुर के वीर सिंह को आवास के लिए आवंटित हुई थी। हालांकि, 1990 में विनोद
अरोड़ा नामक व्यक्ति ने पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल कर यहां अवैध रूप से
कॉम्प्लेक्स बनवा लिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने 17
दिसंबर 2024 को आदेश दिया था कि इस कॉम्प्लेक्स को तीन माह के भीतर खाली कराया जाए
और आवास विकास परिषद के तहत ध्वस्त किया जाए। शनिवार को सेंट्रल
मार्केट स्थित कॉम्प्लेक्स पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सुबह 12:27 बजे शुरू हुई। ध्वस्तीकरण
के बाद आवास विकास के कर्मचारियों ने मलबा को समेटकर साफ करना शुरू कर दिया।
220 पुलिसकर्मियों की लगी ड्यूटी
इस दौरान 220 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। कार्रवाई
का नेतृत्व एडीएम सिटी बृजेश कुमार सिंह ने किया। उनके साथ कई एसीएम मौजूद रहें।
पुलिस अफसरों की बात करें तो एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह के अलावा सीओ सिविल लाइन
अभिषेक तिवारी और सीओ दौराला प्रकाश चंद्र अग्रवाल भी फोर्स के साथ मौजूद रहें। इस
दौरान पुलिसकर्मियों ने लगातार अनाउंस किया और आस-पास मौजूद लोगों से दूरी बनाए रखने
की अपील की। वहीं, कई लोग छतों पर खड़े होकर कार्रवाई को देखते रहे।
इस तरह रही सुरक्षा व्यवस्था
सेंट्रल मार्केट में ध्वस्तीकरण कार्रवाई के संबंध
में आवास विकास मेरठ के अधीक्षक अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि लखनऊ की एक
एजेंसी को यह ध्वस्तीकरण काम सौंपा गया है। एजेंसी ने अपनी तय प्रक्रिया के अनुसार
कॉम्प्लेक्स को ध्वस्त किया। ध्वस्तीकरण के लिए आवास विकास परिषद की 100 लोगों की
टीम मौके पर पहुंची, जिसमें महिलाएं भी शामिल रही। इस दौरान किसी भी आपात स्थिति
से निपटने के लिए एक फायर ब्रिगेड और एक एंबुलेंस मौके पर तैनात रही। 6 डॉक्टर भी
बुलाए गए थे, जबकि चार अतिरिक्त एंबुलेंस को रिजर्व में रखा गया, ताकि जरूरत पड़ने
पर तुरंत सहायता मुहैया कराई जा सके।
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