Sunday, September 7, 2025

नमक: धीमा ज़हर, सावधानी ही स्वास्थ्य: प्रो. डा. नौसरान

 


नित्य संदेश। हमारे जीवन का अहम हिस्सा बनने वाला नमक वास्तव में स्वास्थ्य के लिए उतना आवश्यक नहीं, जितना हम मानते हैं। लगभग 35 वर्ष पूर्व, अपने एमबीबीएस कोर्स के दौरान मैंने पढ़ा था कि एक भारतीय को प्रतिदिन केवल 5 ग्राम नमक की आवश्यकता होती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि हम औसतन 15 ग्राम से भी अधिक नमक का प्रतिदिन सेवन करते हैं।

कैसे बढ़ रहा है नमक का सेवन?

बीते वर्षों में पैक्ड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ गई है। हर छोटे-छोटे पैकेट में स्वाद बढ़ाने के लिए अत्यधिक मात्रा में नमक डाला जाता है। नतीजा यह है कि अनजाने में हमारा नमक का सेवन कई गुना बढ़ रहा है।

शरीर पर नमक का दुष्प्रभाव

अत्यधिक नमक का सेवन धीरे-धीरे शरीर में डिपॉजिट होने लगता है और इसके गंभीर परिणाम सामने आते हैं:

* चेहरे का आकार फूला हुआ व गोल हो जाना।

* खून की नसों की लचक समाप्त होना।

* गुर्दों पर लगातार दबाव बढ़ना।

* उच्च रक्तचाप के रोगियों की संख्या में तेज़ी।

* स्ट्रोक और पैरालिसिस के रोगियों की संख्या में वृद्धि।

प्रकृति ने दिया है सम्पूर्ण आहार

मनुष्य को प्राकृतिक आहार जैसे फल और सब्जियों के लिए बनाया गया है। इनमें मौजूद खनिज तत्व (इलेक्ट्रोलाइट्स) शरीर के संतुलन को बनाए रखते हैं। इनसे अलग से नमक लेने की कोई आवश्यकता नहीं होती।

मेरा अनुभव

मैंने पिछले 5.5 महीने से नमक का सेवन पूरी तरह बंद कर दिया है। इसके बावजूद मेरे रक्त में सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम का स्तर पूरी तरह सामान्य है। यह सिद्ध करता है कि स्वास्थ्य के लिए नमक आवश्यक नहीं है।

संदेश

यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो नमक का प्रयोग कम से कम करें, और संभव हो तो पूरी तरह त्याग दें। यही उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और स्ट्रोक से बचने का सबसे सरल उपाय है। नमक स्वाद बढ़ाता है, लेकिन जीवन घटा सकता है। इसलिए समझदारी से चुनें स्वाद या स्वास्थ्य।

प्रस्तुति

प्रोफेसर डॉ. अनिल नौसरान

संस्थापक-: Cyclomed Fit India

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