Monday, August 4, 2025

आखिर क्या है मासूमों की मौत का असली राज?


-परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप, डूबने से मौत मान रही जानी पुलिस

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। जानी थानाक्षेत्र के कस्बा सिवालखास में हुई तीन बच्चों की मौत को लेकर गुत्थी फिलहाल उलझ गई है। एक तरफ पुलिस इस मौत का कारण डूबने से बता रही है तो परिजन इसे हत्या मान रहे है? इसी बात को लेकर पुलिस और पीड़ितों में सुबह से शाम तक गहमागहमी चलती रही।

गौरतलब है कि कस्बा निवासी शिवांश, मानू और ऋतिक रविवार की सुबह खेलते हुए अचानक लापता हो गए थे। जिसके बाद परिजनों ने अनहोनी की आशंका जताते हुए थाने में तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। सोमवार की सुबह तीनों बच्चों के शव एक खाली प्लॉट में तैरते हुए मिले। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थोड़ी ही देर में ये खबर कस्बे में आग की तरह फैल गई और लोग घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े। इस दौरान पुलिस और परिजनों की तीखी झड़प भी हुई।

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
एक साथ तीन बच्चों के शव मिलने से कस्बे में सनसनी फैल गई। मृतक बच्चों के परिजनों ने इसे हत्या बताते हुए मामले के खुलासे की मांग की। इसी मांग को लेकर परिजन सिवाल चौकी पर डटे रहे। मौके पर सीओ सरधना, थाना प्रभारी निरीक्षक जानी, सिवाल चेयरपर्सन पति गुलजार चौहान ने चौकी पर मौजूद लोगों को समझाने का प्रयास किया। उसके बाद परिजन मौके पर डॉग स्क्वायड बुलाने की मांग पर अडिग हो गए। सीओ सरधना की तरफ से डॉग स्क्वायड बुलाने के आश्वासन पर लोग चौकी से हटे।

जानी गंगनहर पर लगाया परिजनों ने जाम
पुलिस द्वारा तीनों बच्चों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद आक्रोशित परिजनों ने जानी गंगनहर पर जाम लगा दिया। थोड़ी ही देर में कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। बाद में किसी तरह अधिकारियों के समझाने पर गंगनहर से जाम खोला गया।

अधिकारियों और फोर्स का रहा जमावड़ा
लगातार होते हंगामे को देखते हुए सुबह से ही सिवाल चौकी पर एसपी देहात, सीओ सरधना, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित सरूरपुर, रोहटा सहित कई थानों की फोर्स मौके पर डटी रही। महिलाओं द्वारा हंगामे के चलते भारी संख्या में महिला दरोगा और कॉन्स्टेबल की तैनाती चौकी पर रखी गई।

प्लॉट में बने गड्ढे में डूबकर हुई बच्चों की मौत
एक तरफ तीन बच्चों की मौत को परिजन जहां हत्या बता रहे हैं, वहीं पुलिस मौत का कारण गड्ढे में डूबना बता रही है। हालांकि परिजनों की मांग पर डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया है। खबर लिखे जाने तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ सकी थी।

मुआवजे की घोषणा पर हुआ अंतिम संस्कार 
जानी खुर्द। पोस्टमार्टम होकर घर पहुंचे मासूम बच्चों के शवों का देर शाम तक भी अंतिम संस्कार नहीं हो सका था। परिजन हत्या का आरोप लगाते हुए मामले के खुलासे की मांग पर अड़े हुए थे। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी लगातार परिजनों को समझाने पर लगे हुए थे, लेकिन परिजन हत्या के मुकदमे से कम किसी भी बात को मानने पर राजी नहीं थे। लेकिन देर शाम परिजनों से मिलने एडीएम पहुंचे और मुआवजे की घोषणा की। मुआवजे के तौर पर पीड़ितों को पच्चीस पच्चीस हजार नकद राशि दी गई, जबकि चार चार लाख रुपए जल्द ही देने की घोषणा की गई। इसके बाद परिजनों की सहमति से तीनों बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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