सपना सीपी साहू
नित्य संदेश, इंदौर। किला भवन स्थित शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कृष्ण जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास, उमंग और धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी. डी. श्रीवास्तव द्वारा मां सरस्वती एवं भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात महाविद्यालय के संस्था प्रमुख द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की16 कलाओं का विस्तार से वर्णन किया गया और उन्होंने उनकी एक-एक कला का महत्व बताते हुए उन्होंने श्रीकृष्ण के जीवन को सबसे अनूठा बताया। कार्यक्रम का संचालन कर रही डॉ. सुचित्रा हरमलकर ने कहा सूरदास ने अपनी बंद आंखों से श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का कोना-कोना झांका है। उन्होंने एक और उदाहरण देते हुए कहा कि मैया मैं माखन नई माखन नहीं खायो, बाल दाऊ मोये बहुत खिझायौ।
उसके पश्चात महाविद्यालय के कंठ संगीत विभागाध्यक्ष प्रो. देवेंद्र कुमरे ने बोल बांके बिहारी का जयघोष लगाते हुए श्रीकृष्ण का भक्तिमय भजन प्रस्तुत किया-" ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन, वह तो गली गली हरी गुण गाने लगी " इस भजन के माध्यम से पूरा सभागार श्रीकृष्णमय प्रेम में भाव विभोर हो गया। प्रोफेसर अमरीश निगम द्वारा श्रीकृष्ण पर आधारित एक कविता पाठ भी किया गया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में नृत्य कला विभाग की छात्राओं द्वारा श्रीकृष्णजी के भजन पर एक मनमोहक सुंदर नृत्य-कला का भी अभिनय किया गया।
अंत में आभार प्रदर्शन महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ.वी.पी. बैरागी द्वारा माना गया जिसमें उन्होंने उद्धव प्रसंग को विस्तार से बताया । इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त अधिकारी-कर्मचारी व अधिक संख्या में छात्राएं उपस्थित रही।
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